चंबा में नाले में बहने से बच्चे की मौत, मंडी में मलबे में दबी कार, बाल-बाल बचे सवार

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शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के दौर के बीच कहीं भूस्खलन तो कहीं जानमाल की हानि होने का दौर जारी है। चंबा जिला के भटियात में उफनते नाले में आठ साल का एक बच्चा बह गया। करीब आधा किलोमीटर दूरी पर नाले में उसका शव मिला। वह मां के साथ गोशाला तक गया था। वापस आते हुए उसका पैर फिसला और नाले में जा गिरा। उधर, मंडी के रिवालसर में एक गाड़ी मलबे में दब गई। इसमें सवार चार लोग मलबे की चपेट में आने से बाल-बाल बचे।

लाहौल-स्पीति में ग्रांफू से काजा सड़क फोर बाई फोर वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया है। वहीं, चंबा-होली मार्ग चोली के पास भूस्खलन होने से 14 घंटे बंद रहा। शनिवार रात 9:00 बजे बंद हुआ मार्ग रविवार सुबह 11:00 बजे बहाल हुआ। उधर, कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच अभी भी बहाल नहीं हो पाया है। चक्कीमोड़ में ढहे हिस्से से सड़क को निकालने के प्रयास जारी हैं। अब यहां पर निचली ओर मिट्टी को गिराकर मैदान जैसा बनाया जा रहा है।

जिस पर से अस्थायी सड़क बनाई जाएगी। दावा किया जा रहा है कि सोमवार दोपहर तक यहां से छोटे वाहनों को गुजारा जाएगा। मलाणा पावर प्रोजेक्ट-दो के ओवर फ्लो डैम के दो सप्ताह बाद भी गेट नहीं खुल पाए। मंडी जिला में शनिवार रात को हुई भारी बारिश के चलते बल्ह क्षेत्र के रिवालसर के विकासनगर गांव में एक गाड़ी मलबे में दब गई। हालांकि गाड़ी में सवार चार लोग बाल-बाल बचे। इस क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के चलते भारी नुकसान हुआ है।

रविवार दोपहर बाद जिला में बारिश के चलते सरकाघाट, नाचन, सराज, सुंदरनगर और धर्मपुर में कुछ स्थानों पर भूस्खलन हुआ। मंडी में भी बारिश के चलते कुछ स्थानों पर मलबा सड़कों पर गिरा है। सरकाघाट के तहत पटड़ीघाट-गोभड़ता सड़क का डंगा डरने से धनेड़ गांव में एक घर की दीवार को क्षति पहुंची। मनाली में दोपहर बाद बारिश हुई, जबकि अन्य क्षेत्रों में बादल छाए रहे।

नेशनल हाईवे तीन मनाली-लेह मार्ग सभी प्रकार के वाहनों के लिए खुला रहा, जबकि ग्रांफू से काजा सड़क में सिर्फ फोर बाई फोर वाहनों को आवाजाही की अनुमति ही रही। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार सोमवार को भी प्रदेश के कई क्षेत्रों में हल्की बारिश होने का पूर्वानुमान है। हालांकि, किसी तरह का अलर्ट जारी नहीं किया गया है। वहीं, प्रदेश सरकार और प्रशासन ने लोगों को नदी-नालों के करीब न जाने की सलाह दी है।

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