पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: पंजाब सरकार अपने 47 विभागों में तरह तरह के 37 भत्तों से परेशान है व अब इन्हें मर्ज कर इनकी संख्या कम करने की तैयारी की जा रही है। सरकार के फाइनेंस विभाग ने सभी 47 विभागों से उन भत्तों की सूची मांगी है जो कि उनके विभागों में कार्यरत अलग अलग काडर के कर्मचारियों को दिए जा रहे हैं। इन सभी विभागों को 31 जुलाई से 8 अगस्त तक अलग-अलग बैठकों में बुलाया गया है और सभी आंकड़े लेकर आने को कहा गया है। सभी विभागों को आधा-आधा घंटा वक्त दिया गया है।
फाइनेंस विभाग ने प्रमुख तौर पर जो जानकारी मांगी है, उनमें भत्ते का नाम, कर्मचारियों की कैटेगरी जिसे वह भत्ता मिल रहा है, कर्मियों की संख्या, 5वें वेतन आयोग के अनुसार भत्ते की रकम कुल वेतन बिल का कितना हिस्सा, संबंधित विभाग द्वारा भत्ते को संशोधित करने संबंधी सुझाव और भत्तों से पड़ने वाला कुल वित्तीय बोझ। सभी विभागों को जानकारियों की सूची साथ लाने के लिए कहा है।
दो साल से मांगी जा रही थी जानकारी
फाइनेंस विभाग के अधिकारी ने बताया कि भत्तों की इतनी अधिक संख्या को कम करने के लिए बीते दो सालों से प्रयास किए जा रहे थे। 9 जनवरी, 2021 को पहली बार भत्तों से संबंधित जानकारी मांगी गई थी और उसके बाद कई बार पत्र भेजे गए लेकिन मामला अधूरा ही रहा। अब सभी विभागों को संबंधित जानकारी लेकर सीधे मीटिंग के लिए ही बुलाया गया है।
वेतन में होती है देरी
कई अलग तरह के भत्ते होने से वेतन की डिटेल बनाने में भी उलझन होती है। वहीं कई विभागों में कोई भत्ता किसी खास महीने के लिए ही दिया जाता है। उससे हर बार वेतन तैयार करने में भी समय लगता है । कई बार सभी कर्मचारियों का वेतन ही लेट हो जाता है।
भत्तों को संशोधित करना जरूरी हो गया है
इतने अधिक भत्तों के चलते कई तरह की मुश्किलें पैदा होती हैं। कई भत्ते तो दशकों से ऐसे ही चल रहे हैं। वहीं हर बार वेतन या साल के किसी खास महीने में दिए जाने वाले भत्ते भी हैं। ऐसे में नई पॉलिसी बनाना जरूरी हो गया है।- हरपाल चीमा, वित्तमंत्री पंजाब
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