शिमला, सुरेंद्र राणा: नगर निगम शिमला की मासिक बैठक आज उपायुक्त कार्यालय के बचत भवन में हुई। बैठक की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। विपक्ष के पार्षदों ने शिमला में पानी की समस्या को लेकर सदन में हंगामा किया और पानी को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया। बीजेपी के पार्षद महापौर की कुर्सी के नजदीक बैठकर नारेबाजी करने लग गए। महापौर ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह जल्द सभी विधायकों के साथ मिलकर प्रभावित स्किमो का दौरा करेंगे सभी को पानी दिया जायेगा।
बीजेपी की रूलदुभट्टा की पार्षद सरोज ठाकुर ने कहा पानी की समस्या को लगातार उठाती रही है सदन में भी इस मामले को उठाया गया है कांग्रेस पार्षद कह रहे हैं कि पानी की कोई समस्या नहीं है लेकिन बीजेपी शासित वार्ड में 5 से 6 दिनों बाद लोगों को पानी मिले इसका सीधा सा मतलब है पानी देने में भेदभाव किया गया है।
वहीं से ढली वार्ड से भाजपा पार्षद कमलेश मेहता ने भी कांग्रेस शासित नगर निगम पर पानी के आवंटन पर भी वीआईपी ट्रीटमेंट देने का आरोप लगाया है। कमलेश मेहता ने कहा कि उनके वार्ड से किसी व्यक्ति ने जब पानी की मांग की तो प्रशासन की ओर से पहले शहर में वीआईपी को पानी देने की बात की गई जिसके बाद पानी बचाने पर उन तक पानी पहुंचाने की बात कही गई। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता पक्ष के पार्षद खुद इस बात को मान रहे हैं कि उनके वार्ड में पानी की कोई समस्या नहीं है जबकि शहर में लोग पाने की समस्या से जूझ रहे हैं।
नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि आपदा के समय में बीजेपी के पार्षदों द्वारा राजनीति करना सही नहीं है। बारिश के बाद परियोजनाओं में गार्ड आई है जिसके बाद परियोजनाओं को रिस्टोर करने में समय लग रहा है सभी वार्डों में समान रूप से पानी दिया जा रहा है बीजेपी पार्षदों के द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद है। सभी पार्षदों के साथ इन परियोजनाओं की विजिट की जाएगी। उन्होंने बताया कि नगर निगम हाउस में सफाई कर्मचारियों की भर्ती व स्ट्रीट वेंडर के लिए पॉलिसी बनाने पर विचार करेगा।
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