पंजाब, सुरेंद्र राणा: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और दुष्कर्म के दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह 30 दिन की पैरोल मिलने के बाद वीरवार को हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आ गया। कैद के 30 माह में उसकी यह 7वीं पैरोल है। उसे अपनी दो शिष्याओं से दुष्कर्म के आरोप में 20 साल की जेल की सजा मिली है।
इससे पहले राम रहीम को जनवरी में 40 दिन की पैरोल दी गई थी। पैरोल की अवधि के दौरान व यूपी के बागपत डेरा में रहेगा। उसे सिरसा के डेरे में आने की इजाजत नहीं दी गई है।वहीं गुरमीत को पैरोल दिए जाने के फैसले का सिख समाज की सर्वोच्च संस्था श्री अकाल तख्त साहिब और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से कड़ी नाराजगी जाहिर की गई है।
जत्थेदार रघबीर सिंह ने कहा कि राम रहीम को बार-बार पैरोल देकर सरकारें सिखों को नीचा दिखा रही हैं। एसजीपीसी प्रधान एचएस धामी ने कहा कि उसे पैरोल देने से सिखों में अविश्वास का माहौल पैदा हो रहा है। अगर हत्या और बलात्कार जैसे अपराधों के आरोपी को बार-बार पैरोल दी जा सकती है, तो बंदी सिंहों की रिहाई के लिए सिख समुदाय की ओर से उठाई जा रही आवाज को सरकार क्यों नहीं सुन रही है।
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