शिमला,सुरेंद्र राणा: सुप्रीम कोर्ट ने शिमला डेवलपमेंट प्लान को अदालत के समक्ष पेश करने के आदेश दिए हैं। शीर्ष अदालत ने इसके लिए राज्य सरकार को दो हफ्ते का समय दिया है। मामले की सुनवाई दो हफ्ते के बाद निर्धारित की गई है। 3 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने ड्राफ्ट प्लान पर दर्ज आपत्तियों को निपटाने के बाद प्लान को अंतिम रूप देने के आदेश दिए थे। अदालत ने स्पष्ट किया था कि अंतिम प्लान के राजपत्र में प्रकाशित होने से एक महीने तक लागू न किया जाए। 21 जून को सरकार की मंजूरी के बाद शहरी विकास विभाग ने शिमला डेवलपमेंट प्लान की अधिसूचना जारी कर दी थी।
11 फरवरी 2022 को इस बारे में आम जनता से आपत्ति और सुझाव मांगे गए। निर्धारित 30 दिन के भीतर 97 आपत्तियां और सुझाव प्राप्त हुए। 16 अप्रैल 2022 को राज्य सरकार ने वर्ष 2041 तक 22,450 हेक्टेयर भूमि के लिए इस ड्राफ्ट प्लान को बनाया था। एनजीटी ने साल 2017 में शिमला शहर के कोर और ग्रीन एरिया में भवन निर्माण पर रोक लगा दी थी। इन आदेशाें के कारण इस प्लान को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका और बाद में एनजीटी ने इसे अवैध करार दिया था। एनजीटी के निर्णय को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी है।
किस एरिया में कितने निर्माण की मिलेगी छूट
राजधानी में चिह्नित किए 17 ग्रीन क्षेत्रों में भी अब भवन निर्माण की मंजूरी मिलेगी। लोग एक मंजिल के साथ रिहायशी एटिक का निर्माण कर सकते हैं। इस क्षेत्र में निर्माण की शर्तें सबसे सख्त रहेंगी। पेड़ काटकर निर्माण की अनुमति नहीं मिलेगी। ग्रीन एरिया में सिर्फ रिहायशी भवन निर्माण की छूट मिलेगी।
कोर एरिया
शहर के कोर एरिया में सर्कुलर रोड से ऊपर के क्षेत्र को शामिल किया है। ग्रीन एरिया की तरह कोर एरिया में भी अभी भवन निर्माण पर पाबंदी लगी है। प्लान लागू होते ही इस क्षेत्र में रिहायशी और व्यावसायिक दोनों तरह के भवन निर्माण के लिए दो मंजिलों के साथ पार्किंग फ्लोर और एटिक के निर्माण की छूट मिलेगी। इस एटिक का दोनों तरह के निर्माण में रिहायश के तौर पर इस्तेमाल हो सकेगा। इस क्षेत्र में बनने वाले रिहायशी भवनों और व्यावसायिक परिसरों की अधिकतम ऊंचाई 13 मीटर रहेगी।
नॉन कोर एरिया
शहर के सर्कुलर रोड से बाहर के क्षेत्र को नॉन कोर एरिया माना गया है। इसमें अभी ढाई मंजिला भवन निर्माण की छूट है। अब नया प्लान लागू होने से इस एरिया के लोग तीन मंजिला रिहायशी भवन बना सकेंगे। इसके अलावा पार्किंग फ्लोर अलग बना सकेंगे। पार्किंग के साथ रिहायश के लिए एटिक भी बन सकेगी। रिहायशी भवन की अधिकतम ऊंचाई 16.50 मीटर रहेगी। व्यावसायिक भवनों में चार मंजिलें बनाने की छूट रहेगी। पार्किंग फ्लोर और एटिक की भी सुविधा मिलेगी। अधिकतम ऊंचाई 21 मीटर रहेगी।
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