पंजाब दस्तक:   यमुना और अन्य नदियों का जलस्तर कम होने के बाद जीटी बेल्ट के जिलों में लोगों ने राहत की सांस ली है, हालांकि अभी मुश्किलें बरकरार हैं। बचाव एवं राहत कार्य में स्थानीय प्रशासन के साथ सेना की टुकड़ी को भी तैनात किया गया है। शुक्रवार को कैथल क्षेत्र में वायुसेना के हेलिकॉप्टर ने कई गांवों में राहत सामग्री पहुंचाई। वहीं, फरीदाबाद में यमुना से सटे 32 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।

गुरुवार रात करीब 2500 लोगों को एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू किया गया। शुक्रवार को मोहना-बागपुर मार्ग टूटने से पलवल का संपर्क टूट गया है। पलवल में 12 गांवों में यमुना का पानी भर गया है। दूसरी तरफ, घग्गर नदी अब भी उफान पर है। सिरसा और फतेहाबाद के 25 गांवों में नदी का पानी भर गया है। शुक्रवार को कुरुक्षेत्र में तीन कांवड़ियों सहित चार लोग डूब गए। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शनिवार और रविवार को फिर बारिश की संभावना जताई है।

करनाल गढ़पुर टापू के तटबंध को प्रशासन ने दुरुस्त करा दिया है, जबकि समसपुर गांव में तटबंध की मरम्मत जारी है। वहीं कुरुक्षेत्र और पानीपत में नदियों का जलस्तर कम होने की वजह से टूटे तटबंधों को दुरुस्त करने का काम सेना और प्रशासन की ओर से युद्धस्तर पर किया जा रहा है, जबकि यमुनानगर में टापू कमालपुर गांव में बाढ़ से बढ़ते भू-कटाव को देखते हुए सेना की मदद ली जा रही है। पानीपत में नवादा आर के पास कट आधा बंद कर दिया गया है। यहां सेना, प्रशासन और पुलिस की टीम तैनात हैं।

यमुना नदी अब खतरे के निशान 231.50 मीटर से नीचे आ गई है। कैथल में घग्गर नदी 29 फीट से घटकर 26.6 फीट पर आ गई है। फिर भी नदी का जल स्तर खतरे के निशान 3.6 फीट अधिक है। अंबाला शहर की अधिकांश कॉलोनियों से पानी निकासी हो गई है लेकिन अंबाला छावनी में कुछ कॉलोनियों में अभी जलभराव है।

यमुनानगर में शुक्रवार दोपहर बाद हथिनी कुंड बैराज पर जलस्तर 68,037 क्यूसेक दर्ज किया गया। वहीं, यमुना नदी से लगते गांव टापू कमालपुर में तेजी से भूमि का कटाव हो रहा है। प्रशासन ने कटाव पर निगरानी के लिए तीन ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए हैं। साथ ही सेना को लगाया गया है। करनाल के 46 गांवों में अभी बाढ़ का पानी भरा है। इनमें से 20 गांवों का संपर्क पूरी तरह से शहर से कटा है। सोनीपत में भी यमुना का जलस्तर कम हुआ है लेकिन किसानों व लोगों की परेशानी बरकरार है।

बर्बाद फसल देख सदमे से किसान की मौत

यमुनानगर के गांव सुखदासपुर में बाढ़-बारिश के पानी से बर्बाद हुई फसल देख किसान इंद्राज सहन नहीं कर सका। आठ एकड़ में लगी धान की फसल चार फीट पानी में डूबी हुई थी। सदमे से उसकी तबीयत बिगड़ गई। रास्ते में पानी जमा होने के कारण उन्हें ट्रैक्टर-ट्राली में डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां उपचार के बाद डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

सिरसा-फतेहाबाद के स्कूलों में छुट्टियां

बाढ़ से स्थिति खराब होने के चलते सिरसा के 49 गांवों के स्कूलों में 18 जुलाई तक छुट्टियां कर दी हैं। फतेहाबाद के जाखल के बाद रतिया व टोहाना खंड के 12वीं तक के स्कूलों में 23 जुलाई तक छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं।

 

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