शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश में कुदरत के कहर को देखते हुए सरकार अलर्ट हो गई है। स्वास्थ्य महकमे, लोक निर्माण विभाग, IPH और बिजली बोर्ड के फील्ड स्टाफ की छुट्टियों पर अगले कुछ दिन तक रोक लगा दी गई है।
हेल्थ मिनिस्टर धनीराम शांडिल ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत मेडिकल, पैरामेडिकल व अन्य स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर उन्हें अलर्ट पर रखा है, ताकि आपदा की स्थिति में मेडिकल इमरजेंसी में लोगों को इलाज की सुविधा तुरंत प्रदान की जा सके। स्वास्थ्य संस्थानों को किसी भी तरह की इमरजेंसी के लिए तैयार रहने को बोला गया है।
धनीराम शांडिल ने कहा कि अस्पतालों में ड्रग्स और फर्स्ट एड किट सहित एंबुलेंस को तैयार रखने के निर्देश दिए हैं। बारिश के दौरान जल जनित रोगों के फैलने की आशंका है। इसे देखते हुए जरूरी दवाइयों का स्टॉक रखने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि भारी बारिश से चिकित्सा संस्थानों को भी बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। खासकर कुल्लू, मंडी और सिरमौर जिले में कई अस्पतालों, PHC, CHC में पानी भर गया है। जलभराव से हुए नुकसान की सभी CMO को रिपोर्ट तलब की गई है।
PWD स्टाफ को सड़कों की बहाली में जुटने के निर्देश
PWD ने भी फील्ड स्टाफ की छुट्टियों पर रोक लगाकर सड़कों की बहाली में जुट जाने के निर्देश दिए है, क्योंकि प्रदेश में तीन दिन की लगातार बारिश से 1321 सड़कें बंद पड़ी है। सड़कों की बहाली में लगातार हो रही बारिश बाधा उत्पन्न कर रही है और बार-बार लैंडस्लाइड होने से सड़कें बंद हो रही है।
ENC PWD अजय गुप्ता ने बताया कि सड़कों की बहाली का युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। इसे देखते हुए स्टाफ की छुट्टियों पर फिलहाल रोक लगा दी है।
ट्रांसफार्मर और पेयजल योजनाएं बहाल करने के निर्देश
प्रदेश में लगभग 800 पेयजल व सिंचाई योजनाएं तथा लगभग 4686 बिजली के ट्रांसफार्मर भी बंद पड़े हैं। सरकार ने जल शक्ति विभाग और बिजली बोर्ड को इन्हें बहाल करने के निर्देश दिए है।
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