पंजाबी यूनिवर्सिटी से निकला ‘स्टॉप’ फरमान:सभी विभागों को मीडिया को बयान नहीं देने के निर्देश; पालना नहीं तो कानूनी कार्रवाई की चेतावनी

1 min read

पंजाब: पटियाला, पंजाबी यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा अपने स्टाफ पर प्रतिबंध लगाने का नया फरमान सामने आया है। इसके तहत अब कोई भी विभागीय अधिकारी या कर्मचारी यूनिवर्सिटी संबंधी कोई जानकारी या बयान नहीं दे सकेगा। यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने निर्देश नहीं मानने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

गौरतलब है कि इससे पहले पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला के कई मुद्दे सामने आए। इन्हें लेकर स्टूडेंट्स ने विरोध प्रदर्शन तक किया। आपराधिक वारदातों को भी यूनिवर्सिटी परिसर में अंजाम दिया गया। इनके अलावा यूनिवर्सिटी के वित्तीय संकट में होने का मामला सामने आया। स्टूडेंट्स ने मातृभाषा दिवस के मौके पर पंजाबी यूनिवर्सिटी को वित्तीय संकट से बाहर निकालने के लिए रोष प्रदर्शन तक किया। छात्रों द्वारा यूनिवर्सिटी को ग्रांट जारी करने की अपील की गई थी। राज्य सरकार पर पंजाबी यूनिवर्सिटी की अनदेखी के आरोप भी लगे हैं।

प्रदेश सरकार ने 30 करोड़ रुपए अनुदान दिया

पंजाब सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए प्रति माह 30 करोड़ रुपए की अनुदान राशि जारी की थी। इस पर पंजाबी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर अरविंद ने मान सरकार का आभार जताया था। जबकि पंजाबी यूनिवर्सिटी ने सरकार से 30 करोड़ रुपए प्रतिमाह के हिसाब से 360 करोड़ रुपए सालाना अनुदान मांगा। कुलपति ने विश्वविद्यालय द्वारा शोध के साथ-साथ शिक्षण के स्तर को ऊंचा उठाए जाने की बात कही थी।

बजट में पंजाबी यूनिवर्सिटी के लिए विशेष फंड नहीं

पंजाब सरकार द्वारा पेश बजट में पंजाबी यूनिवर्सिटी के लिए विशेष फंड का ऐलान नहीं किया गया था। इसका स्टूडेंट्स और यूनिवर्सिटी स्टाफ द्वारा संयुक्त रूप से धरना देकर विरोध भी किया गया था। बताया गया था कि यूनिवर्सिटी पहले ही 150 करोड रुपए के कर्ज में है, ऐसे में ग्रांट में कटौती के फैसले को गलत बताया गया। जबकि सरकार पंजाबी यूनिवर्सिटी को पहले 200 करोड़ रुपए की ग्रांट देती थी लेकिन बाद में इसे 164 करोड रुपए कर दिया गया।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours