रोटी घोटाले में एसजीपीसी ने अपनाया सख्त रुख, 51 कर्मचारियों को किया निलंबित

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पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: श्री हरमंदिर साहिब के लंगर की बची हुई रोटियों व अन्य सामग्री की बिक्री के टेंडर में सामने आए एक करोड़ से ज्यादा के घोटाले के मामले में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई किरकिरी के बाद अध्यक्ष एडवोकेट हरिजंदर सिंह धामी ने 51 आरोपी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।

एसजीपीसी के सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि यह मामला सामने आने पर फ्लाइंग विभाग ने जांच की थी। इसकी रिपोर्ट के अनुसार ही कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि निलंबित कर्मचारियों में प्रबंधक, पर्यवेक्षक, स्टोरकीपर और गुरुद्वारा निरीक्षक शामिल हैं। यह सभी लंगर व्यव्स्था की ड्यूटी पर थे। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच के दौरान इन 51 आरोपियों में से दो स्टोरकीपर को पहले ही निलंबित कर दिया गया था।

धामी ने कहा है कि गुरुद्वारे की व्यवस्था में किसी भी तरह की लापरवाही और अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गुरुद्वारों के साथ संगत की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं। सिख धार्मिक स्थानों व गुरुद्वारों के प्रबंधों को सही रखना, प्रबंधकों व कर्मचारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है। गुरुद्वारे की व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले को बख्शा नहीं जाएगा।

महाप्रबंधक को भी बदला, भगवंत सिंह धंगेड़ा को मिली जिम्मेदारी

घोटाले के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ एसजीपीसी ने श्री हरमंदिर साहिब के महाप्रबंधक को भी बदल दिया है। धामी ने भगवंत सिंह धंगेडा को श्री हरमंदिर साहिब का महाप्रबंधक नियुक्त किया गया है। वह अभी एसजीपीसी के चंडीगढ़ उप कार्यालय में प्रभारी के पद पर तैनात थे।

धामी ने कहा है कि गुरुद्वारे की व्यवस्था में किसी भी तरह की लापरवाही और अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गुरुद्वारों के साथ संगत की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं। सिख धार्मिक स्थानों व गुरुद्वारों के प्रबंधों को सही रखना, प्रबंधकों व कर्मचारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है। गुरुद्वारे की व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले को बख्शा नहीं जाएगा।

महाप्रबंधक को भी बदला, भगवंत सिंह धंगेड़ा को मिली जिम्मेदारी

घोटाले के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ एसजीपीसी ने श्री हरमंदिर साहिब के महाप्रबंधक को भी बदल दिया है। धामी ने भगवंत सिंह धंगेडा को श्री हरमंदिर साहिब का महाप्रबंधक नियुक्त किया गया है। वह अभी एसजीपीसी के चंडीगढ़ उप कार्यालय में प्रभारी के पद पर तैनात थे।

ऐसे हुआ था घोटाला

लंगर से रोजाना बड़ी मात्रा में सूखी रोटियां बच जाती हैं, जिन्हें एक जगह स्टोर कर लिया जाता है। इसके अलावा आटे का चोकर, दाल व चावल के बारीक टुकड़ों को भी इकट्ठा किया जाता है। इनकी बिक्री के लिए टेंडर बुलाया जाता है। यह सामग्री आगे फीड आदि बनाने में इस्तेमाल होती है। अधिकारियों व कर्मचारियों ने मिलीभगत कर तय शर्तों को नजरअंदाज कर टेंडर दिए और रिकॉर्ड में हेराफेरी कर टेंडर की रकम ज्यादा बताकर बाकी राशि हड़प ली।

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