हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवानिवृत कर्मचारी संगठन की कार्यकारिणी का हुआ गठन, मदन लाल शर्मा को मिली अध्यक्ष की कमान, मांगो को लेकर करेंगे आवाज बुलंद 

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हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवानिवृत कर्मचारी संगठन की कार्यकारिणी का हुआ गठन, मदन लाल शर्मा संभालेंगे अध्यक्ष की कमान, मांगो को लेकर करेंगे आवाज बुलंद 

शिमला, सुरेंद्र राणा: आज हिमाचल प्रदेश सचिवालय एवं अन्य सम्बद्ध पेंशनर कल्याण संघ की आम सभा की बैठक पंचायत भवन में आयोजित की गई। जिसमे नई कार्यकारिणी का गठन किया गया है। पार्वती वर्मा (सेवानिवृत संयुक्त सचिव हि. प्र. सचिवालय) की अध्यक्षता में कार्यकारिणी का गठन किया गया।

संघ ने सर्वसम्मति से मदन लाल शर्मा को अध्यक्ष चुना है जबकि मोहर सिंह मेहता को महासचिव नियुक्त किया गया। नई कार्यकारिणी में नीलम चौहान वरिष्ठ उपाध्यक्ष, भूपराम वर्मा उपाध्यक्ष, भासकर ठाकुर संयुक्त सचिव, राजेन्द्र सिंह नेगी संगठन सचिव व जगत राम को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके अलावा पुष्पलता सिंघा,सीमा सूद व रमा कुमारी को कार्यकारिणी सदस्य नियुक्त किया गया है।

नवनियुक्त कार्यकारिणी का कहना है कि पेन्शनरों की भिन्न-भिन्न मांगों को सरकार के सम्मुख प्रभावकारी तरीके से उठाया जाएगा।

सेवानिवृत कर्मचारियों का कहना है कि मजबूरन हमें कार्यकारिणी का गठन करना पड़ा हैं कार्यकारिणी उनकी मांगों को सरकार के समक्ष बुलंद आवाज में उठाएगी फिर भी बात न बनी तो सेवानिवृत कर्मचारी कोर्ट से न्याय की गुहार लगाएंगे।

ये हैं सेवानिवृत कर्मचारियों की मांग

एक जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2021 के समय के दौरान सेवानिवृत हुए कर्मचारी अधिकारी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि प्रदेश के अंदर पेंशनर्स को सरकार ने तीन श्रेणियों में बांट दिया है। पहला पेंशनर्स जो 31 दिसंबर 2015 तक सेवानिवृत हुए हैं। दूसरे वह है जो 1.1. 16 से 30 दिसंबर 2021 तक रिटायर हुए हैं। तीसरे वह है जो 1.1. 22 के बाद रिटायर हुए। पहले और तीसरे ग्रुप के सेवानिवृत अधिकारियों कर्मचारियों को समान लाभ मिले है। दोनों ग्रुपों की रिवाइज स्केल पर पेंशन की फिक्सेशन हो चुकी है और जो वित्तीय लाभ भी अधिकतर दे दिए गए। लेकिन 1.1. 16 से 31 दिसंबर 21 तक रिटायरमेंट हुई है उनकी हालत सरकार ने बहुत ज्यादा खराब कर रखी है। इस दौरान सेवानिवृत हुए लोगों का 15 से 25 लाख तक की राशि सरकार के पास है।

कार्यकारिणी का कहना है कि इनकी फिक्सेशन की फाइलें अभी तक एजी ऑफिस से ही नहीं आई है और कई तो सचिवालय में लटकी पड़ी है। उनकी ग्रेच्युटी की आधी राशि जो कि 10 लाख बनती है सरकार के पास पड़ी है।वन्ही लीव एनकैशमेंट की लाखों रुपए की राशि सरकार ने रोक रखी है ।

कंयूटेशन की राशि का लाखों रुपया बनता है उसको रिलीज करने का भी कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। रिवीजन के बाद का जो एरियर बनना है उसका भी लाखों रुपया सरकार ने रोक रखा है। इन

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