शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के भंग होने के बाद प्रदेश के लाखों युवाओं के लिए रोजगार की राह में दिक्कतें पैदा हो गई हैं। आयोग के माध्यम से पहले हर साल विभिन्न श्रेणियों के 3000 पदों पर भर्तियां होती थीं। 23 दिसंबर 2022 को भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले के कारण चयन आयोग को सरकार ने भंग कर दिया। पिछले छह माह से किसी भी पद के लिए न तो आवेदन आमंत्रित किए गए और न ही छंटनी परीक्षाए हुईं। इसके कारण भर्ती परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवा भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में पहली की कैबिनेट बैठक में एक लाख युवाओं को रोजगार देने और हर साल पांच लाख युवाओं को रोजगार देने की घोषणा की थी। शिमला में विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री सुक्खू ने 5 अप्रैल, 2023 को कर्मचारी चयन आयोग को नए नाम के साथ बहाल करने की घोषणा की थी। इसके बावजूद अभी तक इस संदर्भ में कोई प्रक्रिया नजर नहीं आ रही है। इससे युवाओं में असमंजस की स्थिति है। विभागों में सैकड़ों पद खाली होने से कामकाज प्रभावित हो रहा है।
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के भंग होने से पहले आयोग के माध्यम से संचालित करीब 11 विभिन्न पोस्ट कोड की भर्तियों के प्रश्नपत्र लीक हुए थे। इसके चलते सरकार ने विजिलेंस विभाग की एसआईटी गठित कर जांच के निर्देश दिए। एसआईटी करीब दस अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर पूर्व सचिव डॉ. जितेंद्र कंवर, निलंबित वरिष्ठ सहायक उमा आजाद, दो चपरासी समेत 25 लोगों को नामजद कर चुकी है। कला अध्यापक, जेई सिविल, जेओए आईटी, ट्रैफिक इंस्पेक्टर, कंप्यूटर ऑपरेटर, जूनियर ऑडिटर और नीलामीकर्ता समेत कनिष्ठ कार्यालय सहायक समेत प्रदेश सचिवालय में क्लर्क भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक की पुष्टि होने पर मामले दर्ज हो चुके हैं।
प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग को कब बहाल किया जाएगा, यह सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। जो कर्मचारी यहां सेवाएं दे रहे थे उनमें से कुछ की सेवाएं बीच-बीच में एसआईटी को जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए ली जा रही हैं। -अनुपम कुमार ठाकुर, एचओडी, भंग हिप्र कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर।
कर्मचारी चयन आयोग के लंबित परिणाम घोषित करे सरकार : जयराम
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार कर्मचारी चयन आयोग के लंबित पड़े परीक्षा परिणामों को जल्द घोषित करे और चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दे। लाखों युवा इन परीक्षा परिणामों का इंतजार कर रहे हैं। जयराम ठाकुर ने शिमला में जारी बयान में कहा कि कांग्रेस ने पहली कैबिनेट में ही एक लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने के वायदे के साथ पांच लाख सरकारी नौकरी देने की गारंटी दी थी। लेकिन सात महीने हो गए हैं और अब तक एक भी नई भर्ती नहीं निकाली जा सकी है।
पिछली सरकार ने निकाली गई भर्तियों के परीक्षा परिमाण रोक रखे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हजारों पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा हो गई है, लेकिन सरकार जान-बूझकर इन सभी परीक्षाओं के परिणाम नहीं निकाल रही है। परीक्षा परिणाम न निकलने की वजह से लाखों युवाओं का भविष्य अधर में हैं। आरोपियों को सजा देने के लिए सरकार जांच प्रक्रिया में तेजी लाए और साथ ही साथ भर्ती प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाए। भर्ती प्रक्रिया को जल्दी पूरा करने का का रास्ता भी निकाले।
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