धर्म: सावन भगवान शिवजी का सर्वाधिक प्रिय महीना होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन के महीने का आगमन 16 जुलाई से होगा। लेकिन इस बार सावन महीने का पक्ष 4 जुलाई यानि मंगलवार से ही शुरू हो गया है। अधिक मास पड़ने से सावन महीना 4 जुलाई से 31 अगस्त तक रहेगा। 59 दिन के सावन महीने में आठ सोमवार आएंगे। इस वर्ष सावन का महीना विशेष रहने वाला है क्योंकि सावन का महीना दो माह का होगा।
सावन के महीने में शिवलिंग के जलाभिषेक का खास महत्व होता है। शिमला के आचार्य ईश्वर मनसागर ने बताया कि सावन महीने में लोग सुख-शांति और समृद्धि के लिए भगवान शिव का जलाभिषेक कर भगवान की प्रिय वस्तुएं उन्हें अर्पित करते हैं और शिव को प्रसन्न करते हैं। वहीं इस माह में दीप दान, ब्राह्मणों को दान करने का विशेष महत्व है। बताया कि सावन में सोमवार का व्रत करने से अश्वमेध यज्ञ जितना फल मिलता है।
18 जुलाई प्रतिपदा से शुरू होगा अधिकमास
श्रावण का महीना अधिक मास होने के चलते इस बार भक्त 59 दिनों तक शिवोपासना कर सकेंगे। अधिक मास मंगलवार 18 जुलाई प्रतिपदा से शुरू होगा। एक महीने में दो संक्रांति आने से अधिक मास पड़ता है। इसे मलमास और पुरुषोत्तम मास भी काहा जाता है।
अधिक मास में विवाह संस्कार, उपनयन संस्कार, कर्णभेदन संस्कार, यज्ञोपवीत, खरीदारी सहित शुभ कार्य नहीं किए जाते। तीन साल बाद अधिक मास आता है। अधिकमास के अधिपति भगवान विष्णु है। इस दौरान विष्णु सहस्त्र का पाठ, विष्णु पूजन, तीर्थ स्थानों में स्नान करना चाहिए।
श्रावण महीने में होंगे आठ सोमवार
अधिकमास के चलते साल 2023 में सावन महीने में कुल आठ सोमवार होंगे। इस बार सावन सोमवार 10, 17, 24 व 31 जुलाई के अलावा 7, 14, 21 और 28 अगस्त को आएंगे। सावन का महीना लंबा होने का कारण शिव भक्तों का अपने आराध्य देव भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए ज्यादा समय मिलेगा।
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