शिमला, सुरेंद्र राणा: कांग्रेस की 10 गारंटियों ने सत्ता परिवर्तन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. सत्ता पर काबिज होने के बाद कांग्रेस सरकार हर गारंटी पर काम करने की बात कर रही है, लेकिन कोई भी गारंटी पुरी तरह से सिरे नहीं चढ़ पाई है हिमाचल कांग्रेस की 10 गारंटियों में से चौथी गारंटी युवाओं को पांच लाख रोजगार देने की थी.
चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने तो पहली ही कैबिनेट में एक लाख रोजगार देने की बात कही थी. अब प्रदेश में पहली कैबिनेट तो जनवरी महीने में हो गई, लेकिन एक लाख रोजगार की कोई बात नहीं की गई. हालांकि रोजगार सृजन के लिए सरकार ने कैबिनेट सब कमेटी का गठन जरूर किया है.
कांग्रेस ने पांच साल में पांच लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन अब हिमाचल कांग्रेस के नेता अपने इस वादे से भी पीछे हटते हुए नजर आ रहे हैं. प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के बाद अब कांग्रेस पार्टी पांच साल में एक लाख रोजगार देने की ही बात कर रही है. हालांकि यह एक लाख रोजगार देना भी सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं रहने वाला है.
हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर विभागों में आज भी कर्मचारियों की भारी कमी देखने को मिलती है. बावजूद इसके सरकार भर्तियां नहीं करवा रही. जिन भर्तियों को पूर्व सरकार ने भी शुरू किया था, वे भी अब तक पूरी नहीं हो सकी हैं. भर्तियां पूरी न होने के पीछे की वजह- कई मामलों का कोर्ट में होना और कई मामलों में पेपर लीक है.
पूर्व भाजपा सरकार के दौरान लगातार हुए पेपर लीक के चलते युवाओं में भाजपा के खिलाफ खासा रोष था. युवाओं ने भी हिमाचल प्रदेश के सत्ता परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. कांग्रेस पर युवाओं ने विश्वास जताते हुए प्रदेश में बड़ा फेरबदल करते हुए सत्ता परिवर्तन किया. युवाओं को उम्मीद थी कि सत्ता बदलने के साथ उनके दिन भी बदलेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
पहली कैबिनेट में एक लाख सरकारी रोजगार की बात तो दूर, सरकार पुरानी भर्तियों को भी पूरा कराने में नाकाम नजर आ रही है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या सत्ता पर काबिज होने के बाद कांग्रेस युवाओं के साथ वादाखिलाफी कर रही है? कुछ जानकारों का मानना यह भी है कि सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस ने युवाओं से बड़े-बड़े वादे तो कर दिए, लेकिन अब यह बड़े वादे गले की फांस बनते हुए नजर आ रहे हैं.
युवाओं की उम्मीद पर खरा न उतरने का खामियाजा भाजपा नेता सत्ता गवाकर भुगत लिया. अब लोकसभा चुनाव में एक साल से भी कम का वक्त रह गया है ऐसे में कांग्रेस को वादाखिलाफी लोकसभा चुनाव में भारी पड़ सकती है. युवाओं का तर्क यह है कि जब सरकारी नौकरी में लगे कर्मियों के लिए सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली कर अपना वादा पूरा किया, तो आखिर युवाओं से किया गया वादा पूरा क्यों नहीं हो रहा है? जानकारों की मानें, तो कांग्रेस को अपनी 10 गारंटियों को पूरा न करने का खामियाजा लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है.
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