शिमला, सुरेंद्र रानी: हिमाचल प्रदेश में मानसून ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। पानी और सिंचाई की 1,044 योजनाओं में गाद भरने से पेयजल के लिए हाहाकार मच गया है। राजधानी शिमला के कुछ क्षेत्रों में तो चौथे दिन सोमवार को भी पीने का पानी नहीं मिला। लोग टैंकर मंगवाकर पानी का इंतजाम कर रहे हैं।
यही नहीं, जगह-जगह भूस्खलन की वजह से प्रदेश भर में 301 छोटी-बड़ी सड़कें बंद हो गई हैं। बिजली के 140 ट्रांसफार्मर बंद हैं। रविवार रात को मंडी के बागी नाला में बादल फटने से आई बाढ़ से कुल्लू-मनाली एनएच पर हजारों पर्यटक फंस गए। बच्चों के साथ वाहनों में ही इन्हें रविवार की रात बितानी पड़ी। साढ़े 21 घंटे बाद साेमवार दोपहर बाद 4:30 बजे तक वनवे आवाजाही ही यहां बहाल हो पाई।
किरतपुर-नेरचौक फोरलेन भी सोमवार को प्रभावित रहा। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के लिए प्लम लेकर निकलीं करीब 100 गाड़ियां यहां फंसी हुई हैं। कुल्लू-मंडी के बीच नेशनल हाईवे बंद होने से सोमवार सुबह कुल्लू में दूध, अखबार और अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति नहीं हो पाई। कालका-शिमला के बीच आठ अप और डाउन ट्रेनें भी सोमवार को रद्द हो गईं।
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