शिमला,सुरेंद्र राणा: चार जुलाई को हिमाचल प्रदेश सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ की बैठक सचिवालय में होनी निश्चित हुई है। ये तीसरी बैठक होगी जिसमें कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा ।
सेवानिवृत सचिवालय कर्मचारियों का कहना है कि कर्मचारियों की पहली बैठक सात जून को हुई थी जिसके बाद मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपकर सरकार को पंद्रह दिन का। अल्टीमेटम दिया गया था लेकिन सरकार के कान में पंद्रह दिन बीत जाने पर भी जूं नहीं रेंगी है। ऐसे में मजबूरन हमें कार्यकारिणी का गठन करना पड़ रहा हैं इसके बाद मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी मांग रखी जाएगी। फिर भी बात न बनी तो सेवानिवृत कर्मचारी कोर्ट से न्याय की गुहार लगाएंगे।
*ये हैं सरकार पर आरोप व सेवानिवृत कर्मचारियों की मांग*
एक जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2021 के समय के दौरान सेवानिवृत हुए कर्मचारी अधिकारी पहले ही सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि प्रदेश के अंदर पेंशनर्स को सरकार ने तीन श्रेणियों में बांट दिया है। पहला पेंशनर्स जो 31 दिसंबर 2015 तक सेवानिवृत हुए हैं। दूसरे वह है जो 1.1. 16 से 30 दिसंबर 2021 तक रिटायर हुए हैं। तीसरे वह है जो 1.1. 22 के बाद रिटायर हुए। पहले और तीसरे ग्रुप के सेवानिवृत अधिकारियों कर्मचारियों को समान लाभ मिले है। दोनों ग्रुपों की रिवाइज स्केल पर पेंशन की फिक्सेशन हो चुकी है और जो वित्तीय लाभ भी अधिकतर दे दिए गए। लेकिन 1.1. 16 से 31 दिसंबर 21 तक रिटायरमेंट हुई है उनकी हालत सरकार ने बहुत ज्यादा खराब कर रखी है। इस दौरान सेवानिवृत हुए लोगों का 15 से 25 लाख तक की राशि सरकार के पास है।
इनकी फिक्सेशन की फाइलें अभी तक एजी ऑफिस से ही नहीं आई है और कई तो सचिवालय में लटकी पड़ी है। उनकी ग्रेच्युटी की आधी राशि जो कि 10 लाख बनती है सरकार के पास पड़ी है।वन्ही लीव एनकैशमेंट की लाखों रुपए की राशि सरकार ने रोक रखी है । रिवीजन के बाद का जो एरियर बनना है उसका भी लाखों रुपया सरकार ने रोक रखा है।
सेवानिवृति के बाद कर्मचारीयों के पास अपने परिवार संचालन के लिए कोई दूसरा आर्थिक साधन तो होता नहीं है। रिटायरमेंट के बाद हर व्यक्ति की अपनी अपनी फाइनेंसियल लायबिलिटीज होती है ।
बच्चों की पढ़ाई, बच्चों की शादी, बच्चों को सेटल करना, मकान की किस्ते, मकान खरीदना यह सब बहुत बड़ी फाइनेंसियल लायबिलिटी ज होती है। मगर खेद की बात है कि अगला रिवीजन होने के लिए मात्र 2 साल बाकी रह गए हैं मगर हम अभी तक अपना पिछला कमाया हुआ धन ही प्राप्त नहीं कर पाए।
1.1.16 से 31 दिसंबर 21 तक के पेंशनरों की जो फिक्सेशन लटकी हुई है उसको तुरंत प्रभाव से करवाने की मांग की जाएगी और ग्रेच्युटी, कॉम्यूटेशन और लीव एनकैशमेंट की राशि को तुरंत रिलीज करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति पर काम किया जाएगा।
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