फीस के नाम पर निजी विश्वविद्यालय नहीं वसूल सकेंगे बिल्डिंग, डेवलपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर फंड

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शिमला, सुरेंद्र राणा: सरकार ने 14 निजी विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में वसूली जाने वाली मेडिकल कोर्सिज की फीस तय कर दी है। निजी विवि की ओर से भेजे गए प्रस्तावों पर कई दिन मंथन के बाद मंगलवार को संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा ने फीस ढांचा जारी किया।

शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि फीस के नाम पर निजी विश्वविद्यालय बिल्डिंग, डेवलपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर फंड नहीं वसूल सकेंगे। दो किस्तों में ट्यूशन फीस लेने का प्रावधान भी किया गया है।

निर्धारित फीस से अधिक वसूली पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। इन संस्थानों में पहले से शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों पर नया फीस स्ट्रक्चर लागू नहीं होगा। इनसे पुरानी फीस ही ली जाएगी। निजी विश्वविद्यालयों में इस साल प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों से नए स्ट्रक्चर के आधार पर फीस ली जाएगी। निजी विवि को ट्यूशन फीस दो किस्तों में वसूलनी होगी।

एक किस्त में इसे देने का दबाव नहीं डाल सकेंगे। नया फीस स्ट्रक्चर कोर्स पूरा होने तक लागू रहेगा, इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। सरकार को हर साल नया सत्र शुरू होने से पहले फीस स्ट्रक्चर तय करना होता है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि अगर कोई संस्थान आदेशों का पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। नए फीस स्ट्रक्चर के अनुसार निजी विवि सरकार की मंजूरी के बिना कोई भी नया कोर्स शुरू नहीं कर सकेंगे।

अगर किसी कोर्स की सरकार से मंजूरी नहीं मिली है और फीस कमेटी ने उस कोर्स का फीस स्ट्रक्चर तय कर दिया है तो ऐसा कोर्स मान्य नहीं होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार ही शिक्षक भर्ती करनी पड़ेगी। प्रदेश सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से विवि के विद्यार्थियों को अवगत करवाना होगा। हिमाचली बोनाफाइड बीपीएल/आईआरडीपी विद्यार्थियों के लिए विवि को दस फीसदी सीटें आरक्षित रखनी होंगी। इनसे ट्यूशन फीस भी नहीं ली जाएगी।

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