शिमला, सुरेन्द्र राणा: हिमाचल प्रदेश में मई में बनी अल्सर, बीपी और निमोनिया समेत 15 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। साथ ही देशभर की 27 दवाएं भी मानकों पर खरी नहीं उतर पाई हैं। एक दवा नकली पाई गई है। प्रदेश में जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें हाल ही में नकली दवाई बनाने के लिए विवादों में रही बद्दी की साइपर फार्मा के चार सैंपल समेत सोलन जिले के 13, सिरमौर और कांगड़ा के एक-एक दवा के सैंपल फेल हुए हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने मई के ड्रग अलर्ट में यह दवाएं मानकों पर सही नहीं पाईं।
इन दवाओं में अल्सर, बीपी, संक्रमण, दर्द, थक्कारोधी, बुखार, निमोनिया, दस्त, मधुमेह और टांसिल की दवा शामिल है। मई में 1302 दवाओं के सैंपल लिए, जिसमें 1274 सैंपल मानकों पर खरे उतरे और 27 के सैंपल फेल हुए हैं। वहीं, एक दवा कंपनी नकली पाई गई।
जिला सोलन की गांव बलोह सेरी स्थित एसेंट फार्मास्युटिकल कंपनी की अल्सर की दवा मिसोप्रोस्टोल टैबलेट, नालागढ़ के नंगल स्थित एलविस हेल्थ केयर कंपनी की संक्रमण की दवा डाक्सीसिलिन कैप्सूल, कांगड़ा की टेरॉस फार्मास्युटिकल कंपनी की बीपी की दवा टेल्मीसार्टन टैबलेट, बद्दी के काठा स्थित एलाइंस बाॅयोटेक कंपनी की थक्कारोधी दवा हेपरिन सोडियम इंजेक्शन, बद्दी के थाना गांव की ऐलकेम लैबोरेटरी कंपनी की गले के संक्रमण की दवा एमोक्सीलिन कैप्सूल के सैंपल फेल हुए हैं।
बद्दी के गलफा लैबोरेटरी की बुखार की दवा पैरासिटामोल, बद्दी के लोधी माजरा की सपास रेमीडीज कंपनी की अल्सर की दवा ओमिप्राजोल कैप्सूल, सिरमौर के पांवटा साहिब की जी लैबोरेटरी कंपनी की निमोनिया की दवा मोनामोक्स सीएल, बद्दी की काठा स्थित कोरटैक्स मेडिकल कंपनी की बुखार की दवा निमिस्लाइड व पैरासिटामोल, बरोटीवाला के कोटला स्थित कोसमास फार्मास्यूटिकल कंपनी की बुखार की दवा पैरासिटामोल ओरल सस्पेंशन, बद्दी के गुल्लरवाला स्थित साइपर फार्मा कंपनी की दस्त की दवा लोपेरामाइड टैबलेट, इसी कंपनी की एलर्जी की क्लोरफेनीरामिन, संक्रमण की डॉक्सीलिन और टांसिल की दवा सेफिक्साइम ओफ्लाक्सिन और नालागढ़ के मलकू माजरा स्थित ऐंज लैबोरेटरी कंपनी की मधुमेह की दवा ग्लीमिप्राइड के सैंपल फेल हुए हैं।
राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह ने सैंपल फेल होने की पुष्टि करते हुए हमेशा की तरह बताया कि जिन उद्योगों के दवा के सैंपल फेल हुए हैं, उन्हें जल्द ही नोटिस जारी किया जाएगा। बाजार से खराब दवाई को वापस लाने के लिए कहा गया है। विभाग स्वयं भी इन कंपनियों के सैंपल की जांच करेगा। सरकार को बार सेंपल फेल होने वाली कंपनियों पर कार्यवाही करनी चाहिए।
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