हजार करोड़ के घाटे में चल रहा प्रदेश, आर्थिक कंगाली में कैसे पूरी होगी दस गारंटियां?जनता को है इंतजार 

0 min read

शिमला, सुरेंद्र राणा, सुरेंद्र राणा:  हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था हांफ गई है। राज्य में ओवरड्राफ्ट के हालात बन गए हैं। इस पर कैबिनेट ने गंभीर चिंता जताई है। राज्य में वर्तमान में 1, 000 करोड़ रुपये का घाटा चल रहा है। बुधवार को इस घाटे को पाटने के लिए 800 करोड़ रुपये का कर्ज लिया जाएगा।

सरकार की ऐसी खराब वित्तीय हालत में चुनावों के समय प्रदेश की जनता को दी गई दस गार्ंटियां पांच सालों में भी पूरी होती दिखाई नहीं दे रही। कांग्रेस की सरकार ने ओपीएस बहाली कर दी है एनपीएस कर्मचारियों ने सरकार का आभार भी जता दिया है लेकिन ओपीएस कब मिलेगी इसका पता नहीं है। हर महिला को 15 सो रुपए प्रतिमाह देने की चुनावी घोषणा अब मात्र करीब 2 लाख 31 हजार तक सीमित हो गई है। सरकार ने इन महिलाओं को जून तक पहली किस्त देने की बात कही थी लेकिन ऐसी आर्थिक खस्ता हालत में इसका भी जल्द मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही। ऐसे में चुनाव के समय कांग्रेस द्वारा वोट लेने के लिए जनता को दिखाए गए सपने मुंगेरी लाल के हसीन सपने ही साबित हो रहे हैं।

इस आर्थिक तंगी का जनता के अलावा सरकार पर पहले दिन से कोई असर नहीं दिख रहा है। मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति अपने चहेतो को केबिनेट दर्जा देना और अन्य लाव लश्कर पर करोड़ों रुपए खर्च करने से प्रदेश की आर्थिकी कैसे मजबूत होगी यह प्रदेश की भोली जनता समझ नही पा रही है। समझ भी जाए तो पांच साल से पहले कर भी क्या सकती हैं।

हालांकि कैबिनेट में सरकार ने बार को खुले रखने का समय एक घंटे बढ़ा दिया है बार अब रात को एक बजे तक खुले रहेंगे। जाम के शौकीनों के लिए ये अच्छी खबर है।

प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में पावर डैवल्पर्ज से राज्य में विभिन्न ऊर्जा परियोजनाओं पर जल उपकर लगाने के बारे में चर्चा के लिए सचिव, ऊर्जा, की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने का निर्णय लिया। इस कमेटी में जल शक्ति विभाग, वित्त विभाग और विधि विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। केंद्र से कर्ज में कटौती के साथ सुक्खू की सरकार जनता के लिए कितना सुख दे पाती है अब ये देखना होगा।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours