पर्यावरण विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग (हि०प्र०) तथा हिलिंग हिमालय द्वारा शिमला मे “भारत मे ठोस अपशिष्ट प्रबंधन / कचरा प्रबंधन एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर हितधारको की चर्चा” विषय पर कार्यशाला का आयोजन

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शिमला, सुरेंद्र राणा: पर्यावरण विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग (हि०प्र०) तथा हिलिंग हिमालय द्वारा आज 4 जून 2023 को होटल लारिसा शिमला मे “भारत मे ठोस अपशिष्ट प्रबंधन / कचरा प्रबंधन एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर हितधारको की चर्चा” विषय पर अर्धदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया ।

इस कार्यशाला के आयोजन का उद्देश्य हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित करना, जमीनी स्तर पर प्रभावी क्षेत्रीय प्रयास एवं संचालन के लिए रणनीतियों पर मंथन करना तथा अपशिष्ट प्रबंधन / कचरा प्रबंधन में सलग्न सभी हितधारकों को भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए विभिन्न चुनौतियों पर व्यावहारिक चर्चा द्वारा ज्ञान सांझा करना था ।

ललित जैन, निदेशक- पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग (हि०प्र०) ने कचरा प्रबंधन एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर विभाग द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला तथा बाई बैक (Buy Back Policy) पालिसी के बारे मे विस्तृत जानकारी दी। डा० प्रदीप सांगवान, हिलिंग हिमालय तथा डा० सुरेश अत्री, मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी, पर्यावरण विभाग ने अपने भाषण में पंचायतों से आए प्रतिभागियो तथा पंचायतों में किए गए कचरा प्रबंधन कार्यों की जानकारी सांझा की । इनहोने बताया कि 25 जून 2023 से हिमालय से दस हजार लोगों को जोड़कर पर्यावरण विभाग हि० प्र० तथा हिलिंग हिमालय प्रदेश मे Clean Drive (स्वच्छता अभियान) शुरू करने जा रहे हैं।

इसके अतिरिक्त Ms Diya Mirza (दिया मिर्जा) यू.एन.ई.पी. गुडविल एम्बेसडर ने अपने भाषण में भारत को स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन पर और अधिक कार्य करना तथा एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते साफ सफाई पर सभी देश वासियों को स्वयं भी बढ़-चढ़कर भाग लेना तथा कार्य करने पर बल दिया। इनके अतिरिक्त

भारत सरकार से संयुक्त सचिव श्रीमति रूपा मिश्रा एवं श्री श्यामलाल पुनिया ने ठोस अपशिष्ट एवं प्लास्टिक प्रबंधन पर अपनी प्रस्तुति दी। आर्ट आफ लिविंग संस्था से दीपक शर्मा ने देश मे स्वच्छता अभियान के अंतर्गत आर्ट आफ लिविंग द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला |

अंत मे सभी प्रतिभागियों ने कचरे के पुनर्चक्रण, संग्रह, अपशिष्ट प्रबंधन शून्य अपशिष्ट, स्वच्छता कार्यक्रम, पर्यटन विभाग के अंतर्गत अपशिष्ट प्रबंधन पर नीति निर्माण तथा स्वच्छता कार्यक्रमों को जानकारी इत्यादि पर आपस मे विस्तृत चर्चा की।

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