पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: डीसी कर्मचारी यूनियन 18 से 23 मई तक के लिए हड़ताल पर चली गई है। यूनियन ने कलम छोड़ हड़ताल करते हुए धरना प्रदर्शन करने की घोषणा कर दी है। यह जानकारी यूनियन के प्रदेश प्रधान तेजिंदर सिंह नंगल ने दी है।
हड़ताल की वजह सरकार द्वारा कर्मचारियों की मांगों को लेकर चर्चा के विषय में लिखित मीटिंग न करना है। कर्मचारी अपनी पेंशन भत्ते तथा तरक्की संबंधी मांगों पर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। इनमें सबसे प्रमुख मांग पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करना है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार भी पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का वादा करके ही सत्ता में आई थी लेकिन 5 साल यूनियनों के आंदोलन के बावजूद पेंशन के फॉर्मेट में बदलाव नहीं किया गया था। यूनियन कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की भी मांग कर रही है।
कर्मचारियों के अचानक हड़ताल पर जाने से डीसी दफ्तर तथा सभी तहसील कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह से प्रभावित होगा। रोजाना इन कार्यालयों में लोग रेवेन्यू से लेकर बाकी तमाम विभागों से संबंधित काम लेकर आते हैं।
इन दिनों दफ्तर सुबह 7 से दोपहर 2 बजे तक खुलते हैं। अचानक हड़ताल का फैसला किए जाने से बड़ी संख्या में लोगों के सरकारी दफ्तर पहुंचने के बावजूद काम बंद हुआ मिलने से परेशानी होना तय है। सेवा केंद्रों में विभिन्न प्रकार के कामों की फाइलें भी अटकेंगी क्योंकि जो आवेदन सेवा केंद्र में लिए जाते हैं, उन्हें प्रोसेस करने का काम डीसी कार्यालय के अंदर कर्मचारियों ने ही करना होता है। डीसी काॅम्प्लेक्स में 200 से ज्यादा कर्मचारी हैं इसके अलावा नकोदर, फिल्लौर, शाहकोट तथा बाकी कस्बों के तहसीलों में भी कामकाज प्रभावित होगा।
उधर, स्कूलों और कॉलेजों में नए दाखिले चल रहे हैं और जिन बच्चों ने आरक्षित श्रेणी या पिछड़ी श्रेणी के सर्टिफिकेट बनाने हैं, उन्हें भी परेशानी होगी। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के आवेदन करने और शिकायतों के लिए डीसी दफ्तर आने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना होगा।
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