चंडीगढ़ हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी की मीटिंग:शहर के मास्टर प्लान में नहीं होगा कोई बदलाव

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पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: चंडीगढ़ के फेज-1 (सेक्टर-1 से 30) के सेक्टरों में रिडेंसिफिकेशन, फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) और हेरिटेज कंजर्वेशन को लेकर मास्टर प्लान में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। चंडीगढ़ हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी की मीटिंग बुधवार को एडवाइजर धर्म पाल की अध्यक्षता में हुई।

इसमें कहा गया कि मास्टर प्लान 2031 को बनाते वक्त हर पहलू को बेहतर तरीके से देखा गया है, सभी तरह के हेरिटेज कंजर्वेशन के मुद्दों को देखते हुए ही इस डाॅक्यूमेंट को तैयार किया गया है, इसलिए इसमें किसी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं है।

इसलिए तय किया गया है कि मास्टर प्लान में बदलाव करने को लेकर केंद्र सरकार को कोई प्रस्ताव नहीं भेजा जाएगा। जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने अपार्टमेंटलाइजेशन को लेकर जो आदेश दिए थे उसमें कहा था कि हेरिटेज कमेटी की मीटिंग के बाद मास्टर प्लान में रिडेंसिफिकेशन व बाकी मुद्दों को लेकर अगर बदलाव करना है तो प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाए।

हालांकि बुधवार की मीटिंग में फैसला किया गया है कि चंडीगढ़ के फेज-1 सेक्टरों में रिडेंसिफिकेशन की जरूरत ही नहीं है, इसलिए इन सेक्टरों के लिए फ्लोर एरिया रेशो, हाइट, डेंसिटी जैसे मुद्दों को रिव्यू करने की जरूरत ही नहीं है।

मीटिंग के बाकी मुद्दों पर..

सेक्टर-7, 26 मध्य मार्ग में बने क्लबों और रेस्टोरेंट्स में एडिशनल कंस्ट्रक्शन पर कहा गया है कि फायर सेफ्टी, वेंटिलेशन, पार्किंग की व्यवस्था वगैरह को लेकर पूरी स्टडी करने के बाद ही इस पर फैसला किया जाएगा। कमेटी ने प्रशासन को कहा है कि इन मुद्दों पर पूरी रिपोर्ट तैयार करके अगली हेरिटेज मीटिंग में लाया जाए।

किरण थियेटर को माॅल में बदलने के मामले में भी फैसला नहीं किया गया है। कमेटी ने कहा है कि आर्किटेक्ट डिपार्टमेंट प्लान अप्रूवल कमेटी और हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी के नाॅन आॅफिशियल मेंबर्स के साथ इस थियेटर को माॅल में बदलने के प्रस्ताव को एग्जामिन करें और अगली मीटिंग में इसको मंजूरी देने के एजेंडे को रखा जाए।

टाइमलाइन 10 जनवरी 2023:

चंडीगढ़ के फेज-1, सेक्टर-1 से 30 तक में प्रॉपर्टी की फ्लोरवाइज रजिस्ट्रेशन, अपार्टमेंट में बदले जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि चंडीगढ़ देश का प्लान्ड शहर है ऐसे में कार्बूजिए (चंडीगढ़ का डिजाइन बनाने वाले फ्रेंच आर्किटेक्ट) के चंडीगढ़ का हेरिटेज स्टेटस बनाए रखना जरूरी है। इसे देखते हुए एक आवासीय इकाई को फ्लोरवाइज अपार्टमेंट में बदलने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

15 जनवरी:

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद प्रशासन ने पूरे शहर में शेयर वाइज प्राॅपर्टी की रजिस्ट्री बंद कर दी। इसमें ब्लड रिलेशन या फैमिली में भी रेजिडेंशियल प्राॅपर्टी की ट्रांसफर या रजिस्ट्री बंद कर दी गई।

10 फरवरी:

लगातार लोगों के विरोध के बाद प्रशासन ने एसओपी जारी की, वन फैमिली काॅन्सेप्ट में रेजिडेंशियल प्राॅपर्टी की ट्रांसफर, रजिस्ट्रेशन को शुरु कर दिया। इसमें ब्लड रिलेशन, फैमिली के बीच शेयर वाइज रजिस्ट्रेशन और एक ही परिवार अगर पूरी बिल्डिंग को खरीदता है तो इसके लिए मंजूरी दे दी गई।

लीगल एग्जामिनेशन के बाद तय होगा शेयरवाइज प्राॅपर्टी रजिस्ट्रेशन…

शेयरवाइज प्राॅपर्टी की रजिस्ट्रेशन को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं हो पाया है। मीटिंग में तय किया गया है कि इस मुद्दे पर लीगल एग्जामिनेशन के बाद ही तय किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक मीटिंग में कुछ मेंबर्स सहमत थे कि शेयरवाइज प्राॅपर्टी रजिस्ट्री को शुरू किया जाना चाहिए, लेकिन तय किया गया है कि कानूनी राय हर तरह की रजिस्ट्री पर ली जाए। अगली मीटिंग में इसको लेकर फैसला किया जाएगा।

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