पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: मुख्यमंत्री मनोहर लाल के ‘हरियाणा में सिर्फ भाजपा की ही सरकार’ वाले बयान से भाजपा-जजपा गठबंधन में सियासत गरमा गई है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार को कैथल में एक कार्यक्रम में कहा-मैंने कभी नहीं कहा कि मेरी सरकार है।
हमेशा यही कहा कि हमारी सरकार है। दोनों दलों ने मिलकर साढ़े तीन साल हरियाणा की खुशहाली के लिए सरकार चलाई है। आगे के लिए एलायंस पर दोनों पार्टियां बैठकर चर्चा करेंगी। अभी भविष्य का कुछ नहीं पता। दूसरी तरफ जजपा प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह का सीएम को नसीहत देता बयान आया।
जिसमें कहा कि हम सहयोगी हैं तो हिस्सेदार भी हैं। मुख्यमंत्री के शब्दों पर हमें एतराज है। जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात करके इन बातों पर चर्चा होगी। 28 अप्रैल को एक मीडिया इंटरव्यू में सीएम ने कहा था-हमने बुढ़ापा पेंशन 3 हजार रुपए करने का वादा किया था और इसी टर्म में यह करेंगे।
इससे ज्यादा नहीं करेंगे। हमने कभी 5100 की बात नहीं कही है। सरकार तो मुख्य रूप से भाजपा की है, जजपा की नहीं है। जजपा हमारा सहयोग कर रही है, कभी हमने उनकी ये बात नहीं मानी। वह 5,100 का प्रयास कब करें, कब नहीं करेंगे।
इसी बयान का जवाब दुष्यंत ने कैथल में देते हुए कहा- हमारे 10 विधायक हैं, यदि 50 होते तो पहले दिन ही बुढ़ापा पेंशन 5,100 रुपए पेंशन कर देते। यह टीस मुझे भी है और लोगों को भी। मैं 5100 रुपए पेंशन के लिए अब भी प्रयास करता रहूंगा। डेढ़ साल का टाइम है। क्या पता सूत सी बैठेगी, उस दिन पूरी जाए।
स्थानीय निकाय चुनाव से शुरू हुई खटर-पटर
भाजपा और जजपा गठबंधन में खटर-पटर साल भर तब शुरू हो गई थी जब भाजपा ने नगर निकाय चुनाव में जजपा से गठबंधन न करने की घोषणा कर दी थी। हालांकि बाद में मिलकर ही लड़े। पंचायती राज चुनाव में कई जगह दोनों पार्टियों के प्रत्याशी आमने-सामने थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह व उनकी पूर्व विधायक पत्नी प्रेमलता कई मौकों पर जजपा पर निशाना साधते रहे हैं।
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