एचसीएस परीक्षा में 10% से ज्यादा प्रश्नों के विकल्प खाली छोड़े तो अयोग्य घाेषित कर दिए जाएंगे अभ्यर्थी

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पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा, हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) भर्ती परीक्षा में प्रश्नों के अब 5 विकल्प दिए जाएंगे। अभ्यर्थी ने 10% से ज्यादा प्रश्नों में कोई विकल्प नहीं भरा तो उसे अयोग्य माना जाएगा। हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) ने एचसीएस की पिछली भर्ती में 5वां विकल्प हैशटैग लागू किया था। कोई अभ्यर्थी किसी प्रश्न को हल नहीं करना चाहता तो हैशटैग के सामने वाले गोले को भरना था। अब 5वां विकल्प बना दिया गया है। अगर 100 प्रश्नों में से 10 से ज्यादा प्रश्नों में एक भी गोला नहीं भरा तो आंसर-शीट ही रद्द कर दी जाएगी।

एचपीएससी के इस प्रस्ताव को मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई है। इसी प्रकार कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के लिए वन-टाइम रजिस्ट्रेशन में आधार नंबर अनिवार्य कर दिया है। वहीं, शहरों को लेकर भी कई नियमों में संशोधन किए हैं। अब शहर में किसी भी विभाग, बोर्ड, निगम, प्राधिकरण की जमीन पर किराए या पट्टे के रूप में साल 2000 से पहले से काबिज हैं तो उन्हें मालिकाना हक दिया जाएगा।

स्कूलों में टैब जमा नहीं कराने वाले छात्रों को एसएलसी नहीं मिलेंगे

सरकारी स्कूलों के 10वीं से 12वीं कक्षा तक विद्यार्थियों को दिए गए 5.25 लाख टेबलेट में वर्ष 2023-24 के शैक्षणिक सत्र में नया कंटेंट डाउनलोड किया गया है। 22 नए विषयों का कंटेंट इन टेबलेट में शामिल होने से अब तीनों कक्षाओं के सभी विषय टैबलेट में मिलेंगे। वहीं शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों को दिए टैब वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। केवल वे ही विद्यार्थी टैब वापस करेंगे, जो स्कूल छोड़कर दूसरे स्कूल में जाएंगे। यदि कोई विद्यार्थी टैबलेट वापस नहीं करता है तो उसे न तो एसएलसी और न ही चरित्र प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

युवाओं के लिए फैसले

एचसीएस परीक्षा में प्रश्नों के 5 विकल्प होंगे। कोई प्रश्न नहीं करना है तो ‘ई’ विकल्प के सामने वाले गोले को भरना है। किसी भी गोले को नहीं भरा तो एक चौथाई अंक कटेंगे। 10% से अधिक प्रश्नों में किसी विकल्प को भी नहीं भरा तो अयोग्य घोषित होंगे।

एचएसएससी की ओर से ग्रुप-सी और ग्रुप-डी की भर्ती को लेकर होने वाले सीईटी के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन किया जाता है। अब इसके लिए आधार भी अनिवार्य किया गया है। इसका मकसद भर्ती प्रक्रिया को और आसान बनाना है।

कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग में सहायक निदेशक (तकनीकी), वरिष्ठ शिक्षुता पर्यवेक्षक, प्रधानाचार्य, उप-प्रधानाचार्य पद के लिए इंजीनियरिंग में डिग्री जरूरी की। अभी डिप्लोमा या डिग्री दोनों थी। विभाग में सीधी भर्ती को कंप्यूटर एप्रिसिएशन एवं एप्लीकेशन में राज्य पात्रता परीक्षा जरूरी की।

 

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