पंजाब दस्तक: वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल 17 दिन बाद भी पुलिस के हाथ नहीं चढ़ सका। उसके कई वीडियो-ऑडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं, लेकिन पंजाब पुलिस का साइबर सेल उसका सुराग लगाने में नाकाम रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ वीडियो विदेश से वायरल किए गए हैं।

इनमें महिला पुलिसकर्मी भी हैं। गोल्डन प्लाजा में अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं। अंदर जाने वाले सभी रास्तों पर केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान नजर रखे हुए हैं। जगह-जगह नाके लगाकर वाहनों की तलाशी ली जा रही है।

ई-रिक्शा और अन्य वाहनों के प्रवेश को भी रोका गया। शहर के अंदर और बाहर जाने वाले रास्तों पर 24 घंटे की नाकाबंदी की गई है।

अमृतसर के 10 डेरों में दबिश, होटलों में भी जांच

अमृतपाल की तलाश में रविवार को अमृतसर के बाजारों और होटलों में जांच की गई। जिले में करीब 10 डेरों पर पुलिस ने दबिश दी। पुलिस पंजाब व आसपास के राज्यों के 320 डेरों व धार्मिक स्थलों पर लगातार नजर रख रही है। कुछ डेरों में तो सादे कपड़ों में 24 घंटे पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।

श्री हरिमंदिर साहिब परिसर में बने गुरुद्वारा शहीदा साहिब में भी अतिरिक्त जवान लगाए गए हैं। वहीं, होशियारपुर में भी रविवार को तलाशी अभियान जारी रहा।

वहीं, पंजाब की एसटीएफ ने पीलीभीत के मोहनापुर गुरुद्वारे में छानबीन की। जांच में गुरुद्वारा परिसर के 16 कैमरों में चार बंद मिले। रिकार्डिंग से छेड़छाड़ हुई है। एसटीएफ गुरुद्वारे से कैमरों की डीबीआर ले गई। पुलिस की एक टीम ने हिमाचल में छापे मारे हैं।

सूत्रों ने बताया कि पिछले तीन दिन से पंजाब पुलिस की एसटीएफ अमरिया व पूरनपुर में डेरा जमाए है। एसटीफ को शक है कि फगवाड़ा से बरामद स्कॉर्पियो में ही अमृतपाल सवार होकर पंजाब पहुंचा है। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर उत्तराखंड का था। गाड़ी पीलीभीत जिले के गुरुद्वारे के मुख्य ग्रंथी बाबा मोहन सिंह के नाम पंजीकृत थी।

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