विधान सभा बजट सत्र के दूसरे दिन भी संस्थानों को बंद करने पर हुई चर्चा के बाद सीएम के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने किया सदन से वॉकआउट

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शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन आज सदन की कार्यवाही के शुरू में प्रश्नकाल शुरू होने से पहले विपक्ष ने नियम 67 के तहत सरकार के द्वारा डिनोटिफाई किए गए संस्थानों पर चर्चा मांगी जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया।

चर्चा के दौरान सदन में पक्ष विपक्ष में तीखी नोकझोंक देखने को मिली लेकिन जब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू चर्चा के बाद जवाब देने लगे तो असंतुष्ट विपक्ष सदन से नारेबाजी करता हुआ बाहर चला गया।

विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आते ही दूसरे दिन ही बिना सोचे समझे बिना रिव्यु किए 900 से अधिक संस्थानों को बंद कर दिया जो कि सही नहीं है। सरकार ने गलत परंपरा की शुरुआत की है। जयराम ठाकुर ने कहा कि 5 सालों बाद जब हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनेगी तो 11 दिसंबर 2022 के बाद लिए गए सुक्खू सरकार के सभी फैसलों को रिव्यू किया जायेगा। भाजपा सड़क से लेकर सदन तक जनता की आवाज उठा रही है और आगे भी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।

वन्ही इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पहले अध्यापकों व पैसो की व्यवस्था करेंगे उसके बाद स्कूल खोलेंगे। आने वाले समय में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाएंगे। जहा जरूरत है वहां संस्थान खोले हैं। सीएम ने कहा कि हम सेवा भाव से आएं है। विपक्ष बिना तर्क के सदन में बात कर रहे थे। सीएम ने जयराम के पांच सालों के फैसलों के रिव्यू करने के जवाब में कहा की हम ऐसा कोई फैसला नहीं करेंगे जिसका विरोध हो। ऐसे निर्णय किए जाएंगे जो जनता के दिलों पर राज करेंगे।

 

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