Punjab Budget Session: राज्यपाल व CM मान के बीच दिखी दूरी

1 min read

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि प्रदेश के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच जारी ‘शीत युद्ध’ समाप्त होता नहीं दिख रहा है और यह राज्य के लिए अच्छा नहीं है। विधानसभा के बजट सत्र के उद्घाटन अवसर पर शुक्रवार को हुए घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वड़िंग ने कहा कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री और उनकी सरकार के लिए अपनी भावनाओं को कहीं नहीं छिपाया। 

पंजाब दस्तक: मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के बीच जारी विवाद की झलक शुक्रवार को विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत के समय भी दिखाई दी। जिस गर्मजोशी के साथ हर साल बजट सत्र में राज्यपाल का स्वागत होता रहा है, उसके मुकाबले शुक्रवार को राज्यपाल का स्वागत कार्यक्रम बहुत ठंडा रहा। मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने एक-दूसरे से न सिर्फ दूरी बनाए रखी बल्कि परस्पर बातचीत करने से भी बचते रहे।

स्वागत की औपचारिकता के बाद, गार्ड ऑफ ऑनर के लिए साथ-साथ चलते हुए भी मुख्यमंत्री, गवर्नर से कुछ दूरी बनाकर चले और स्पीकर कुलतार सिंह संधवां के साथ बातचीत में मशगूल रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों ने एक-दूसरे से कोई बात नहीं की बल्कि एक-दूसरे की तरफ देखा तक नहीं।

राज्यपाल ने इस मौके पर सलामी ली लेकिन गार्ड का निरीक्षण करने से इन्कार कर दिया और सीधे विधानसभा की ओर चल पड़े। इस समय भी माहौल अलग दिखाई दिया, जब मुख्यमंत्री जोकि अब तक सत्रों में राज्यपाल को साथ लेकर सदन में पहुंचते रहे हैं, शुक्रवार को राज्यपाल को पीछे छोड़ सदन में पहुंचे और अपनी सीट पर बैठ गए। राज्यपाल ने उनके बाद ही सदन में प्रवेश किया। हालांकि तब सदन के सभी सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री ने भी खड़े होकर राज्यपाल का स्वागत किया।

गौरतलब है कि राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री से सरकार के विभिन्न कार्यों की बार-बार जानकारी मांगे जाने और राज्य सरकार के कई फैसलों को खारिज किए जाने से दोनों के बीच उपजा विवाद पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया, जब राज्यपाल ने मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें लिखे गए एक पत्र को असांविधानिक और अपमानजनक करार देते हुए कानूनी राय लेने की बात कही और कानूनी राय लिए जाने तक विधानसभा का बजट सत्र बुलाने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया।

दोनों नेताओं के बीच पिछले साल से चल रही खींचतान जनवरी में उस समय तीखी हो गई जब राज्यपाल द्वारा कुछ मामलों की जानकारी मांगे जाने पर मुख्यमंत्री ने उन्हें पत्र लिखकर साफ कर दिया कि वह तीन करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेह हैं, न कि केंद्र द्वारा चुने गए किसी व्यक्ति (राज्यपाल) के। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल की नियुक्ति की वैधता और योग्यता पर भी सवाल उठाए थे।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours