अमृतपाल पर कसने लगा शिकंजा, ISI से संबंध व विदेशी फंडिंग की जांच शुरू, समर्थकों का जुटाया जा रहा डाटा

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पंजाब दस्तक: दुबई से भारत लौटने के बाद भड़काऊ बयानों से चर्चा में आए ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख खालिस्तान समर्थक अमृपाल पर अब जांच का शिकंजा कसने लगा है। पंजाब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने उसके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंधों और उसे प्राप्त हो रही विदेशी फंडिंग की जांच शुरू कर दी है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कुछ दिन पहले ही गुजरात में कहा था कि अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला करने वालों को विदेश से पैसा मिल रहा है। विदेशी फंडिंग की जांच में वह मर्सिडीज गाड़ी भी शामिल है, जिसमें सवार होकर अमृतपाल अजनाला थाने तक पहुंचा था।

पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह की गतिविधियों को प्रचारित करने वाले विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट्स की भी जांच कर रही है। जांच में सामने आया है कि इन सोशल मीडिया अकाउंट्स में से ज्यादातर पाकिस्तान और अन्य देशों से संचालित हो रहे हैं। इनमें कुछ फेक भी हैं। ये पाकिस्तान के अलावा कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी से चल रहे हैं।

केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों का कहना है कि अमृतपाल की गतिविधियों की फोटो और वीडियो आदि सामग्री प्रचारित करने वाले ज्यादातर सोशल मीडिया अकाउंट्स पंजाबी नाम से बने हैं। इस सामग्री को पंजाब के अलग-अलग क्षेत्रों में प्रसारित किया जा रहा है। ऐसा कंटेंट विशेष रूप से युवाओं को भेजा जा रहा है। इनमें 15 से 35 वर्ष तक के आयु वर्ग वाले युवा अधिक हैं। अमृतपाल के खिलाफ अगर कोई सामग्री सोशल मीडिया पर डाली जाती है, उसे धमकाने व उस व्यक्ति के विरुद्ध प्रचार करने के लिए मैसेज डाले जाते हैं। यह अकाउंट भी विदेश से संचालित हो रहे है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि इनमें से कितने अकाउंट्स फेक हैं।

हवाला के माध्यम से फंडिंग का शक

खुफिया एजेंसियों का मानना है कि अमृतपाल को हवाला के माध्यम से फंडिग हो रही है, क्योंकि विदेश से सीधे पैसे आने पर आज-कल काफी नजर रखी जा रही है। अमृतपाल के आसपास जमे रहने वाले लोगों और उसके सुरक्षाकर्मियों के बैंक खातों का लेनदेन भी जांचा जा रहा है। आईएसआई के कौन से सूत्र किन-किन देशों से अमृतपाल के नेटवर्क के सथ जुड़े हैं, इस पर भी एजेंसियों ने काम शुरू कर दिया है।

 

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