पंजाब दस्तक: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा डेरा मुखी राम रहीम को पैरोल पर देने के लिए जारी 20 जनवरी 2023 के आदेश को रद्द करने की मांग पर जवाब दाखिल करते हुए हरियाणा सरकार ने कहा कि राम रहीम हार्ड कोर क्रिमिनल नहीं है। राम रहीम को तय नियमों के तहत ही पैरोल का लाभ दिया गया है, जैसा कि अन्य कैदियों को दिया जाता है। हरियाणा सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी।
याचिका में आरोप लगाया है कि हरियाणा सरकार ने राम रहीम को 40 दिन की पैरोल देते हुए नियमों का सीधा उल्लंघन है। याचिका में कहा है कि डेरा प्रमुख दुष्कर्म व हत्या जैसे मामलों में सजा काट रहा है। पंजाब में भी उसके खिलाफ कई मामले में दर्ज हैं। उसके अनुयायियों ने कथित तौर पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का अपमान किया, जिस पर सिखों व उसके अनुयायियों में कई बार विवाद हुआ। इसके चलते पंजाब में कई बार विरोध मार्च, पंजाब बंद, पंजाब में सड़कों और रेलवे लाइनों की नाकाबंदी की गई थी।
डेरा प्रमुख को पैरोल देने से सिखों की भावनाएं आहत हुई हैं व पंजाब में शांति को खतरा पैदा हो गया है। राम रहीम को बार-बार इस प्रकार पैरोल देकर हरियाणा सरकार न केवल हरियाणा में बल्कि पूरे क्षेत्र में कानून व्यवस्था के लिए संकट पैदा करने वाली स्थिति बना रही है।
याचिका में कोर्ट से मांग की गई कि इस याचिका के विचाराधीन रहने तक डेरा प्रमुख की पैरोल रद्द कर उसे जेल में वापस भेजा जाए। याचिका में बताया गया कि राम रहीम को कई गंभीर अपराधों में दोषी करार दिया जा चुका है और कई मामलों में उनके खिलाफ ट्रायल जारी है।
इस प्रकार के अपराधी को पैरोल का लाभ देना ठीक नहीं है। साथ ही याचिका में बताया गया कि राम रहीम को पैरोल देते हुए हरियाणा सरकार ने तय नियमों का भी पालन नहीं किया था। राम रहीम को वैसे भी श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के खिलाफ जहरीला प्रचार करने की आदत है।
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