पंजाब दस्तक, सुरेन्द्र राणा: सीमेंट ढुलाई को लेकर चल रहे विवाद के बीच अदाणी समूह ने अपनी रणनीति बदल दी है। अब ट्रकों के बजाय सीमेंट को बड़े ट्रालों में पठानकोट डंप से बिलासपुर भेजा जा रहा है। पहले सीमेंट की आपूर्ति के लिए बाहरी राज्यों से अदाणी समूह गाडिय़ां भेज रहा था। ट्रक ऑपरेटर इन गाड़ियों को रोककर विरोध कर रहे थे। इससे सीमेंट की कमी हो गई थी।
अब नई रणनीति के तहत अदाणी समूह अपने विक्रेताओं के पास सीमेंट पहुंचा रहा है। बड़े ट्राले से सीमेंट की 700 से 800 बोरियां गोदामों तक पहुंच रही हैं। एक हफ्ते के भीतर ही बिलासपुर जिले में 400 टन सीमेंट पहुंचा है। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों बिलासपुर शहर में बाहरी राज्य से सीमेंट लेकर आ रहे एक ट्रक से बोरियां उतारकर फाड़ दी थीं।
ट्रक ऑपरेटर ओवरलोड ट्रकों को रोक रहे थे। पुलिस भी ओवरलोड ट्रकों का चालान कर रही थी। अब बड़े ट्रालों में एक साथ सप्लाई भेजने से सीमेंट की कमी पूरी हो रही है। दधोल में एसीसी सीमेंट विक्रेता पवन बरूर ने बताया कि एक हफ्ते से सीमेंट की सप्लाई मिल रही है। लोगों को मांग के अनुसार सीमेंट मुहैया करवाया जा रहा है।
49 दिन के सबसे बड़े विवाद को सुलझाने की औपचारिकता ही निभाती रही 51 दिन की सुक्खू सरकार, 20 हजार परिवारों को रोजी-रोटी के लाले
सूबे में सुक्खू सरकार को बने 51 दिन बीत गए पर सीमेंट ढुलाई की दरों को लेकर अभी तक 49 दिन के सबसे बड़े विवाद को सुलझाने में महज औपचारिकता ही निभाती रही है। उद्योग जगत से जुड़ा सूबे का यह सबसे बड़ा आंदोलन बन चुका है। जल्दबाजी व अनुभवहीनता की वजह से सरकार ने डीजल के रेट बढ़ा दिए और प्रति किलोमीटर रेट के विवाद के सुलझने में एक और अड़चन पैदा हो गई।
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