हमीरपुर, सुरेंद्र राणा: महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से हमीरपुर में मिली। उनकी मुख्य मांगे 50% बैच वाइज और 50% कमीशन के आधार पर नियुक्तियां करने को लेकर थी लंबे समय से महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता का बैच वाइज नहीं है।
उनका कहना है कि हिमाचल प्रदेश में पिछली सरकार ने पूरे विभागों को बैच वाइज कर दिया है परंतु उन्होंने महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पदों को बैच वाइज नीति में नहीं लाया। कई बार महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को अवगत करवाया परंतु सरकार ने 5 सालों तक इनके लिए कोई स्थाई नीति नहीं अपनाई ना तो इनके पदों को भरा गया और ना ही इनकी नियुक्ति बैजवाइज आधार पर की गई। 205 पोस्ट जोकि वर्ष 2017 में निकाली गई थी उन पोस्टों को पूरे 5 वर्षों में भरा गया इन पदों पर भी स्टाफ नर्सों को नियुक्ति दी गई और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को इंतजार ही हाथ में लगा।
बेरोजगार महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने अपनी मांगों को लेकर 5 दिनों तक शांति पूर्वक धरना प्रदर्शन भी किया। अपने बच्चों को लेकर सड़कों पर बैठी रही परंतु बीजेपी सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने पूरे 5 सालों में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को केवल आश्वासन ही देते रहे और वर्ष 2017 के निकाले गए 205 पदों को लेकर 5 साल तक लटकाए रखा। अब बेरोजगार महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता का एक दल हमीरपुर में माननीय मुख्यमंत्री जी से मिला और उनकी मुख्य मांगे थी कि हमें अन्य विभागों की तरह 50% बैच वाइज और 50% कमीशन के आधार पर नियुक्तियां दी जाए और नियुक्तियों में r&p रूल्स का ध्यान रखा जाए क्योंकि महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पदों पर लंबे समय से स्टाफ नर्सों को रखा जा रहा है। जिनकी योग्यता पर आया 3 साल 6 महीने का डिप्लोमा होता है और बीएससी नर्सिंग 4 वर्षीय डिप्लोमा होता है। महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता का 2 वर्षीय डिप्लोमा होता है इनके कार्यक्षेत्र में भी काफी अंतर पाया जाता है परंतु सरकार ने इनके आरएनपी रूल उनके विरुद्ध नियुक्तियां देती रही।
यह महिलाएं सरकार को समय-समय पर अपनी मांगों को लेकर अवगत करवाती रही परंतु सरकार ने उनके लिए कुछ भी नहीं किया सामान्यता इस डिप्लोमा को करने वाली अधिकतर महिलाएं लड़कियां प्राया
गरीब परिवारों से संबंधित है परंतु सरकार ने इस बात का भी ध्यान नहीं दिया। हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2013 में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के परीक्षण केंद्रों को पुनः खोला गया था इनकी संख्या तीन थी जिनको बढ़ाकर बीजेपी सरकार ने 9, से 10 कर परीक्षण केंद्रों को खोल दिया गया परंतु रोजगार के लिए कोई अवसर प्रदान नहीं किए गए। 50% किया गया और ना ही कोई पद निकालेंगे। आज हमीरपुर में बेरोजगार महिला महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को पुनः नहीं सरकार के पास रखा है और विश्वास दिलाया है कि यह सरकार तो उनकी सुन लेगी जो पिछली सरकार ने उनके साथ सौतेला व्यवहार अपनाया है उसको मौजूदा सरकार खत्म करेगी। और अन्य विभागों के तरह महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता का भी 50% बैच वाइज के आधार पर नियुक्ति की जाएगी और स्टाफ नर्स जो लंबे समय से महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पदों का मजाक बना कर रखा है उस प्रक्रिया को बंद करेगी। क्योंकि स्टाफ नर्स इन पदों का दुरुपयोग करती हैं इन पदों पर तब तक कार्य करती हैं जब तक इनकी बैच वाइज नियुक्ति नहीं हो जाती।
उन्होंने बताया कि जैसे ही उनकी अपने पदों पर बैच वाइज नंबर आता है उसी समय महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पदों को छोड़ कर चली जाती हैं और यह पद 1 महीने के अंदर ही खाली हो जाते हैं रिक्त पदों पर ना तो बेरोजगार महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को रोजगार मिल पाता है और ना ही स्टाफ नर्स से इन पर अधिक समय तक कार्य करती हैं।
उन्होंने सीएम से अनुरोध किया है कि इस प्रक्रिया को रोक लगाएं ताकि यह पद बेरोजगार महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को प्राप्त हो सके जिस पर वह अपनी स्थाई सेवाएं उपलब्ध करवा सके। सरकार इस प्रक्रिया की अपने स्तर पर जांच करें और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को न्याय दिलवाए। बेरोजगार महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने माननीय मुख्यमंत्री से 50% बैच वाइज की मांग की है और उनकी पदों को निकालने का निवेदन किया है जो लंबे समय से नहीं निकाले गए हैं।
उन्होंने बताया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सरकार उनके साथ न्याय की नीति अपनाए और जिस तरह पूरी हिमाचल प्रदेश में सभी विभागों का 50% बैच वाइज है उसी तरह बेरोजगार महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता का भी बैच वाइज होगा।
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