पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे पंजाब के कैबिनेट मंत्री फौजा सिंह सरारी ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
सरारी के पास बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण समेत कुछ विभाग थे। पिछले साल 11 सितंबर को करीब 5 मिनट का एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था, जिसमें खाद्यान्न ढुलाई के ठेकेदारों से ‘वसूली’ के संबंध में दो व्यक्तियों में बात हो रही थी। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि यह ऑडियो फौजा सिंह सरारी और उनके पीए का है। शनिवार को अचानक हुए घटनाक्रम में सरारी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को इस्तीफा सौंपा, जिसे तुरंत स्वीकार कर लिया गया। पंजाब में आम आदमी पार्टी की 10 महीने की सरकार में सरारी दूसरे मंत्री हैं, जिनकी भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद छुट्टी हुई है। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला को बर्खास्त किया गया था। सिंगला पर विभाग के टेंडर में कमीशन लेने के आरोप लगे थे।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर हमला बोलते हुए कहा कि जबरन वसूली का आॅडियो आने के महीनों बाद फौजा सिंह सरारी का इस्तीफा लिया गया है। इस्तीफे में देरी पर सवाल उठाते हुए अकाली दल ने फौजा सिंह पर केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने और जबरन वसूली मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाने की मांग की। अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि सीएम को यह बताना चाहिए कि महीनों तक सरारी के भ्रष्ट कामों को क्यों बढ़ावा दिया गया। उन्होंने कहा कि इस ‘कवरअप ऑपरेशन’ में कई लोग शामिल रहे। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग आम आदमी पार्टी के मंत्रियों के भ्रष्टाचार से तंग आ चुके हैं, इसीलिए मान ने अपनी इमेज बचाने के लिए यह कदम उठाया है। महीनों तक इस मामले को दबाने की कोशिश होती रही।