सुक्खू सरकार के फैसलों को हाईकोर्ट में दी चुनौती, 11 जनवरी तक जवाब तलब

1 min read

शिमला, सुरेंद्र राणा: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार के अब तक लिए गए फैसलों को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पूर्व कैबिनेट के फैसलों को प्रशासनिक आदेश से निरस्त नहीं किया जा सकता है। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार से 11 जनवरी तक जवाब तलब किया है। याचिका के माध्यम से सरकार पर आरोप लगाया गया है कि बिना कैबिनेट बनाए ही पूर्व सरकार के फैसलों को रद्द किया गया है, जबकि कैबिनेट के फैसलों को कैबिनेट के निर्णय से ही निरस्त किया जा सकता है।

सरकार की ओर से जारी प्रशासनिक आदेशों से कैबिनेट के फैसले निरस्त करना गैर कानूनी है। संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। याचिकाकर्ता ने सरकार के 12 दिसंबर को जारी प्रशासनिक आदेश को रद्द करने की हाईकोर्ट से गुहार लगाई है। आरोप लगाया कि इस आदेश के तहत भाजपा सरकार के प्रगतिशील निर्णयों को तुरंत प्रभाव से रद्द किया गया है।

अदालत को बताया गया कि गत 12 दिसंबर को सरकार ने मेडिकल कॉलेजों को छोड़कर सभी विभागों के अधिकारियों को दिया गया पुनर्रोजगार समाप्त कर दिया और यह कहा गया कि 1 अप्रैल, 2022 के बाद कैबिनेट में लिए सभी फैसलों की समीक्षा होगी। संस्थान खोलने और अपग्रेड करने के फैसले पर विचार किया जाएगा। निगमों, बोर्डों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नामित सदस्यों और अन्य कमेटियों तथा शहरी निकायों में नामित सदस्यों की नियुक्तियां भी रद्द कर दी गईं।

हिमाचल लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग को छोड़कर सभी राजकीय विश्वविद्यालय, सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों और स्वायत्त निकायों में चल रही सभी तरह की भर्ती प्रक्रिया को भी लंबित कर दिया गया। याचिकाकर्ता की पैरवी करते हुए पूर्व महाधिवक्ता ने कहा कि सरकार द्वेष की भावना से कार्य कर रही है। अदालत ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए 11 जनवरी तक का समय दे दिया।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours