शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश में सीमेंट विवाद को सुलझाने के लिए सोमवार को अदाणी समूह और ट्रक ऑपरेटरों के बीच तीसरे दौर की वार्ता भी विफल हो गई है। अब राज्य सरकार की हिमकान एजेंसी को कंसलटेंट (परामर्शदाता) नियुक्त किया गया है। कंसलटेंट शुक्ला कमेटी के तय फार्मूले के आधार पर मालभाड़े की दरें तय करेगा। चार दिन के भीतर कंसलटेंट अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। उसके बाद दोनों पक्षों की फिर बैठक बुलाई जाएगी।
विवाद सुलझाने के लिए गठित उप समिति के अध्यक्ष और हिमाचल प्रदेश खाद्य आपूर्ति विभाग के निदेशक केसी चमन की अध्यक्षता में सोमवार सुबह 11:30 से दोपहर बाद 4:30 बजे तक बैठक चली। बैठक में दाड़लाघाट और बरमाणा ट्रक यूनियनों के 50 और अदाणी समूह के सात प्रतिनिधि मौजूद रहे। सीमेंट ढुलाई की दरों को लेकर दोनों पक्ष झुकने को तैयार नहीं हैं।
दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलों पर अड़े रहे। उप समिति के सदस्य सचिव और हिमाचल परिवहन प्राधिकरण के सचिव घनश्याम ने बैठक के बाद बताया कि सीमेंट ढुलाई की दरों को लेकर बुलाई बैठक में कोई समझौता नहीं हुआ है। इस मामले को सुलझाने के लिए कंसलटेंट को नियुक्त किया है। दोनों पक्षों की अगले दौर की बैठक की तारीख जल्द तय की जाएगी।
यह है शुक्ला कमेटी का फार्मूला
डीजल प्रति लीटर एक रुपये बढ़ता है तो ट्रक भाड़ा 40 पैसे प्रति किलोमीटर प्रति टन के हिसाब से बढ़ेगा। इसी तरह से टायरों, एक्सल, चैसी के रेट बढ़ने और बीमा राशि बढ़ने पर समय-समय पर सीमेंट ढुलाई की दरें बढ़ाने का प्रावधान है। वर्ष 2019 के बाद से सीमेंट ढुलाई के रेट नहीं बढ़े हैं।
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