शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने छह माह बाद दो एफआईआर दर्ज की हैं। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद ये दोनों एफआईआर चंडीगढ़ ब्रांच में पंजीकृत की हैं।
पुलिस और सीआईडी की दो एफआईआर को आधार बनाकर सीबीआई ने प्राथमिकियां दर्ज की हैं। प्रारंभिक तौर पर दोनों प्राथमिकी में सीबीआई ने पांच आरोपियों को नामजद किया है। इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। पहली प्राथमिकी में कांगड़ा के नूरपुर के गांव देव भराड़ी के निवासी मुनीष कुमार, फतेहपुर के गांव खटियाड़ के मनी चौधरी और इसी जिले के भडियाड़ा के गौरव को नामजद किया है। दूसरी प्राथमिकी में मुनीष कुमार के अलावा नूरपुर के रिहान के निवासी सुनील कुमार को नामजद किया है।
सीबीआई ने फिलहाल उन्हें ही आरोपी बनाया है, जिन्हें पुलिस और सीआईडी ने एफआईआर में नामजद किया था। यह मामला शिमला स्थित सीबीआई शाखा के बजाय चंडीगढ़ में इसलिए दर्ज किया है, क्योंकि वहां पर क्राइम ब्रांच है। संबंधित जांच अधिकारी गहन पड़ताल कर पाएंगे। इस मामले में पुलिस की एसआईटी ने अभी तक भर्ती से जुड़े किसी भी अफसर को आरोपी नहीं पाया है।
कांगड़ा के पुलिस थाना गगल में पांच मई 2022 को दर्ज हुई एफआईआर को आधार बनाकर दर्ज प्राथमिकी की जांच डीएसपी दिनेश कुमार को सौंपी गई है। सीआईडी थाना शिमला में सात मई 2022 को दर्ज मामले को आधार बनाकर दर्ज एफआईआर की तफ्तीश डीएसपी रविंद्र कुश को सौंपी गई है। हिमाचल में सबसे पहले कांगड़ा पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इस मामले की छानबीन कर रहे जांच अधिकारी अजय सिंह की लिखित शिकायत पर मुनीष, मनी चौधरी और गौरव के खिलाफ केस दर्ज किया था। सीआईडी ने एफआईआर में एक आरोपी सुनील कुमार को ही नामजद किया था।
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