नई दिल्ली. टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है. सरकार की तरफ से इसे भरने के लिए डेडलाइन जारी की जाती है जिसके भीतर टैक्सपेयर्स को हर हाल में टैक्स भरना होता है.
वित्त मंत्रालय ने कंपनियों द्वारा आकलन वर्ष 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने की समयसीमा बुधवार को बढ़ाकर सात नवंबर कर दी. जिन कंपनियों को अपने खातों का ऑडिट कराना जरूरी है, उनके लिए आईटीआर (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख इससे पहले 31 अक्टूबर थी.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि पिछले महीने ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाई गई थी, इसलिए आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा भी बढ़ा दी गई है.
सीबीडीटी ने कहा कि आकलन वर्ष 2022-23 के लिए अधिनियम की धारा 139 की उप-धारा (1) के तहत आय का ब्योरा देने की तिथि बढ़ा दी गई है. यह पहले 31 अक्टूबर थी. इसे अब बढ़ाकर सात नवंबर, 2022 कर दिया गया है. घरेलू कंपनियों को वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए 31 अक्टूबर, 2022 तक अपना आयकर रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है. उन कंपनियों के लिए आईटीआर दाखिल करने की नियत तारीख 30 नवंबर, 2022 होगी, जिनकी स्थानांतरण मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है.
जानिए क्या है नियम और शर्तें?
जिन लोगों ने डेडलाइन तक किसी कारणवश अपना रिटर्न नहीं भर सके, वे अब 31 दिसंबर 2022 तक अपना रिटर्न भर सकेंगे, लेकिन इसकी कुछ शर्तें होंगी. इस रिटर्न को बिलेटेड रिटर्न, लेट रिटर्न या रिवाइज्ड रिटर्न कहते हैं. इस सुविधा के तहत आप रिटर्न तो भर लेंगे लेकिन आपको कुछ जुर्माना देने के साथ, ब्याज और सेटऑफ के लाभ वंचित होना पड़ेगा.
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