पंजाब दस्तक: इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर यानि मंगलवार को लग रहा है. दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण के कारण ये पूजा 25 अक्टूबर की जगह 26 अक्टूबर को होगी.
वहीं, भाई दूज इस बार 27 अक्टूबर को होगा. सूर्य ग्रहण का सूतक कब लगेगा और इस दौरान क्या करें क्या नहीं, चलिए जान लें.
सूर्य ग्रहण का सूतक कितनी देर पहले लगता है
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक लगने का नियम है. सूतक काल लगने के साथ कुछ नियमों का पालन जरूरी होता होता है. गर्भवती महिलाओं को भी इस दिन खास सतर्कता बरती चाहिए.
इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर यानी मंगलवार को लगेगा. दीपावली के दूसरे ही दिन लगने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों के दिमाग में कई सवाल हैं. जैसे सूर्य ग्रहण के समय खाना चाहिए की नहीं, गर्भवती महिला को देखना चाहिए की नहीं आदि. ऐसे में हम यहां पर कुछ ऐसे सवाल के जवाब लेकर आए हैं जिसके बारे में आप लोगों को जानना बहुत जरूरी है. इस लेख में हम आपको बताएंगे की क्या चीज ग्रहण के दिन करनी चाहिए क्या नहीं.
इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर यानी मंगलवार को लगेगा. दीपावली के दूसरे ही दिन लगने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों के दिमाग में कई सवाल हैं. जैसे सूर्य ग्रहण के समय खाना चाहिए की नहीं, गर्भवती महिला को देखना चाहिए की नहीं आदि. ऐसे में हम यहां पर कुछ ऐसे सवाल के जवाब लेकर आए हैं जिसके बारे में आप लोगों को जानना बहुत जरूरी है. इस लेख में हम आपको बताएंगे की क्या चीज ग्रहण के दिन करनी चाहिए क्या नहीं.
भारत में कितने बजे शुरू होगा सूर्य ग्रहण ?
सूर्य ग्रहण की तिथि: 25 अक्टूबर 2022
सूर्य ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार) : 16:22 से 17:42 तक
सूर्य ग्रहण की समय अवधि:1 घंटे 19 मिनट
सूर्य ग्रहण इस बार दिवाली (Diwali) के अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को लगने जा रहा है. ये ग्रहण भारत में दिखाई देने वाला साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा. इसे आंशिक रूप से भारत में देखा जा सकेगा. ये सूर्य ग्रहण 4 घंटे, 3 मिनट का होगा. सूर्य ग्रहण दोपहर में 02 बजकर 29 मिनट पर लगेगा और इसका समापन शाम 06 बजकर 32 मिनट पर होगा. भारत में इसकी शुरुआत शाम को 04 बजकर 22 मिनट से होगी. लेकिन भारत में इस ग्रहण का मोक्ष नहीं देखा जा सकेगा क्योंकि सूर्य ग्रहण समाप्त होने से पहले ही सूर्यास्त हो जाएगा.
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक लगने का नियम है. चूंकि भारत में सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम 04:22 मिनट से होगी, ऐसे में सूतक के नियम सुबह 04:22 मिनट से लागू हो जाएंगे यानी दिवाली की अगली सुबह सूतक काल के साथ शुरू होगी. सूतक के दौरान कुछ नियमों का पालन करना जरूरी बताया गया है. यहां जानिए इन नियमों के बारे में.
इस दिन पहले ही तोड़कर रख लें तुलसी के पत्ते
24 अक्टूबर को अमावस्या है. उस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने से ब्रह्महत्या का पाप लगता है. 23 अक्टूबर को रविवार है और रविवार को तुलसी को स्पर्श करना और पत्ते तोड़ना वर्जित होता है. मान्यता है कि रविवार के दिन तुलसी तोड़ने वाले को महापाप लगता है. इसलिए तुलसी के पत्ते 22 अक्टूबर को दिन में 12 बजे से पहले तोड़ लें क्योंकि 12 बजे के बाद पत्ते नहीं तोड़ सकेंगे.
इन नियमों का करें पालन
गर्भवती महिलाएं सूतक में कुछ भी काटने का काम न करें और अपने गर्भ पर गाय के गोबर का टिका लगा लें. इस दिन इन्हें गर्भ को सुरक्षित रखने के लिए ध्यान रखना चाहिए. अगर खुद के बराबर का कुश मिल जाए तो उसे अपनी लंबाई से नाप कर एक कोने में खड़ा कर दें. ग्रहण के बाद कुश को किसी पेड़ के नीचे रख दें. इससे गर्भ की रक्षा होगी.
सूतक काल में भोजन नहीं बनाया जाता और न ही खाया जाता है. इसे दूषित काल माना जाता है. हालांकि बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं के लिए इस तरह के नियम लागू नहीं हैं.
जो भोजन पहले से बना रखा है, उनमें सूतक काल शुरू होने से पहले ही तुलसी का पत्ता तोड़कर डाल दें. दूध और इससे बनी चीजों, पानी में भी तुलसी का पत्ता डालें. तुलसी के पत्ते के कारण दूषित वातावरण का का असर खाने की चीजों पर नहीं होता.