पंजाब दस्तक: पांच साल पहले शिरोमणि अकाली दल की सरकार के समय में सिंचाई विभाग में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले में विजिलेंस ब्यूरो ने अपनी जांच शुरू कर दी है। मंगलवार को रिटायर आईएएस अधिकारी काहन सिंह पन्नू से विजिलेंस ने पांच घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान उनसे सिंचाई विभाग की ओर से करवाए जाने वाले विकास कार्यों की टेंडरिंग प्रक्रिया के बारे में सीधे सवाल किए गए। उन्हें विजिलेंस ने प्रोफार्मा दिया था, जिसमें लिखित रूप में सवालों के जवाब लिए गए। भविष्य में विजिलेंस अधिकारियों और नेताओं को भी बुलाएगी।
पूर्व आईएएस अधिकारी काहन सिंह पन्नू सिंचाई विभाग में सचिव रह चुके हैं। ठेकेदार गुरविंदर सिंह द्वारा दिए गए बयान को आधार बनाकर विजिलेंस ने केस को दोबारा खेाला है। इसके बाद उन्हें तलब किया गया था। वह मंगलवार को पूछताछ के लिए सुबह 10 बजे मोहाली स्थित विजिलेंस भवन पहुंच गए थे। उनसे दो चरणों में करीब पांच घंटे तक पूछताछ हुई।
सूत्रों के अनुसार उनसे यही जानने की कोशिश की गई कि आखिर विभाग टेंडर कैसे अलॉट करता है। टेंडरों की फाइल कैसे चलती है। इसमें अधिकारियों और विभाग के मंत्री क्या भूमिका होती है। इसके अलावा विभाग में अधिकारियों की पोस्टिंग व इससे जुड़े सवाल किए गए। अधिकारी ने विजिलेंस के हर सवाल के जबाव दिए।
शाम करीब छह बजे वह वहां से फ्री हुए। विजिलेंस सूत्रों के अनुसार पूर्व अधिकारियों और उस समय के राज नेताओं के बैंक खातों से लेकर प्रॉपर्टी तक को भी खंगाला जाएगा। विजिलेंस अधिकारी इस केस को गंभीरता से ले रहे हैं। याद रहे कि राज्य में 2017 में कांग्रेस की सरकार आने के बाद इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ था।
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