पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा,हिमाचल प्रदेश की सत्ता तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाने वाले कांगड़ा जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों नूरपुर, देहरा, ज्वाली और ज्वालाजी में कांग्रेस टिकटों पर पेच फंस गया है। कांग्रेस के पूर्व विधायकों की जगह इन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा से शामिल होने वालों को टिकट देने की पैरवी है। इसके विरोध में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी कांगड़ा जिले के नाराज नेताओं ने नई दिल्ली में कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की। नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में पूर्व विधायक अजय महाजन, ज्वाली में पूर्व सांसद चंद्रकुमार, ज्वालाजी में पूर्व विधायक संजय रत्न कांग्रेस की टिकट के मुख्य दावेदार हैं। देहरा में कांगड़ा के डॉ. राजेश शर्मा, हरीओम और अक्षय डढवाल को लेकर चर्चा है।
बीते चुनाव में देहरा से विप्लव ठाकुर निर्दलीय प्रत्याशी होशियार सिंह से हारी थीं। पार्टी के कुछ नेताओं का तर्क है कि इन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस की जीत के लिए कड़े फैसले लेने की जरूरत है। नूरपुर, ज्वाली और देहरा में भाजपा से नाराज चल रहे नेताओं को कांग्रेस में शामिल कर प्रत्याशी बनाने के लिए स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में खूब पैरवी की गई है। नूरपुर में रणवीर सिंह निक्का, ज्वाली में संजय गुलेरिया और देहरा में पूर्व मंत्री रविंद्र रवि को कांग्रेस में शामिल कर प्रत्याशी बनाने के लिए एक धड़ा जोर आजमाइश कर रहा है। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में हुई इस कवायद की जानकारी मिलने के बाद कांगड़ा के कांग्रेस नेता एकजुट हो गए हैं। कांगड़ा की सीटों को तय करने के लिए दूसरे जिले के नेताओं की बढ़ी सक्रियता को स्थानीय नेता बर्दाश्त नहीं कर रहे हैं।
जिला शिमला के ठियोग से इंदु वर्मा को कांग्रेस प्रत्याशी न बनाने की मांग भी तेज हो गई है। महिला कांग्रेस की स्थानीय नेताओं को कहना है कि अगर पार्टी को टिकट किसी महिला को देना है तो भाजपा से शामिल करने वालों की जगह पुराने नेताओं को अधिमान दिया जाना चाहिए।
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