शिमला, सुरेंद्र राणा, संयुक्त किसान मंच के बैनर तले हिमाचल प्रदेश के किसानों -बागवानों ने सचिवालय की तरफ़ कुच किया और राजधानी में नवबहार चौक से छोटा शिमला तक आक्रोश रैली निकाली. सचिवालय के बाहर पुलिस जवानों ने बरिगेट्स लगाकर भीड़ को रोका. इस दौरान किसानों -बागवानों ने बरिगेट्स फादने की कोशिश भी की लेकिन पुलिस ने आगे नही बढ़ने दिया.
किसान बागवान फलों की पैकेजिंग पर जीएसटी खत्म करने, कश्मीर की तर्ज पर एमआईएस के तहत सेब खरीद करने और सेब पर आयात शुल्क 100 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं. बागवान 6 फीसदी जीएसटी छूट की जटिल प्रक्रिया को सरल बनाने की भी मांग कर रहे हैं. 20 सूत्रीय मांग पत्र में उठाए गए मुद्दों को हल करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी में बागवान प्रतिनिधियों को शामिल न करने को लेकर भी बागवान संगठन नाराज हैं.
संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान का कहना है कि किसान बागवान मंडियों में एपीएमसी कानून सख्ती से लागू करने, बैरियरों पर मार्केट फीस वसूली बंद करने, खाद, बीज, कीटनाशकों पर सब्सिडी बहाल करने, कृषि बागवानी सहयोगी उपकरणों पर सब्सिडी जारी करने, प्राकृतिक आपदाओं का मुआवजा जारी करने, ऋण माफ करने, बागवानी बोर्ड का गठन करने, सभी फसलों के लिए एमएसपी तय करने, निजी कंपनियों के सेब खरीद रेट तय करने को कमेटी बनाने, सहकारी समिति को सीए स्टोर बनाने के लिए 90 फीसदी अनुदान देने, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू करने और मालभाड़े की बढ़ी दरों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
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