शिमला, सुरेंद्र राणा वन विभाग ने कर्मचारियों के लिए पुरस्कारों का ऐलान किया है। यह पुरस्कार उन कर्मचारियों को प्रदान किए जाएंगे, जिन्होंने पौधारोपण समेत वनों के संरक्षण में बड़ा रिकार्ड अपने नाम दर्ज किया है लेकिन इन पुरस्कारों के वितरण से पूर्व ही बड़ा बवाल विभाग के अंदर हो गया है। वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष प्रकाश बादल ने इन पुरस्कारों में बंदरबाँट का आरोप लगाया है और इन अवार्ड को वापिस लेने की मांग की है।
प्रकाश बादल ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि अवार्ड की इस लिस्ट में आग बुझाते मौत के मुंह में समा गए कर्मचारी का नाम तक शामिल नहीं है। इसके साथ ही चौपाल और चंबा में वन माफिया के साथ भिड़ंत में चोटिल हुए दो वन रक्षकों को भी पुरस्कार लायक नहीं माना गया है। अधिकारीयों की चमचागिरी करने वालों को जिन्होंने कोई उत्कृष्ट काम नहीं किया उन्हें अवार्ड दिए गए हैं। इन्हें अगर वापिस नहीं लिया जाता है तो इसके खिलाफ वह 15 अगस्त से आमरण अनशन करेंगे। उन्होंने बताया कि उनके लिए परिवार का पालन पोषण करना भी जरूरी है। इस दौरान वह सर पर कफ़न बांधकर ऑफिस का काम करेंगे उसके बाद कुछ समय रिज पर महात्मा गाँधी व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की प्रतिमा के सामने मौन प्रदर्शन करेंगे। उसके बाद रोजाना की तरह घर लौटेंगे पर अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगे।