भगवंत मान सरकार ने दी मिलिंग पॉलिसी को मंजूरी, ट्रकों में लगेगा जीपीएस

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पंजाबदस्तक, सुरेंद्र राणा, पंजाब की भगवंत मान सरकार ने आगामी धान कटाई के मौसम के लिए ‘न्यू मिलिंग पॉलिसी‘ को मंजूरी दी है. इस पॉलिसी के तहत दूसरे राज्यों से धान लाकर पंजाब में तस्करी करने वालों पर शिंकजा कसा जाएगा.

क्योंकि न्यू पॉलिसी में कई सारे तकनीकी बाधाएं होंगी. इससे खरीदे गए स्टॉक से खाद्यान्न की चोरी रोकने में भी मदद मिलेगी. पंजाब सरकार ने साफ कहा है कि बाहरी से धान लाकर राज्य में बेचने की इजाजत बिल्कुल नही दी जाएगी. दरअसल, पंजाब में मिलिंग पॉलिसी पूरी तरह से डिजिटल होने जा रही है. धान खरीदने के बाद उसे मिल तक पहुंचाने के के लिए कई तकनीकी प्रक्रिया से गुजरना होगा.

चंडीगढ़ में गुरुवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इस पॉलिसी पर मुहर लगाई गई. मिलिंग प्रोसेस से गुजरने वाले वाहनों पर जीपीएस और इलेक्ट्रिक मीटर से सर्विलांसिंग (निगरानी) होगी. खरीफ मार्केटिंग सीज़न यानी धान की खरीद प्रक्रिया अक्टूबर माह की पहली तारीख से शुरू हो रही है. जबकि यह प्रक्रिया 30 नवंबर तक पूरी हो जाएगी. इस अवधि के दौरान खरीदे गए धान को राइस मिलों में स्टोर किया जाएगा. “डिपार्टमेंट ऑफ फूड, सिविल सप्लाई एंड कंज्यूमर अफेयर्स” (पंजाब) हर साल खरीफ मार्केटिंग सीज़न शुरू होने से पहले कस्टम मिलिंग पॉलिसी जारी करता है.

ट्रकों में लगेगा GPS

न्यू मिलिंग पॉलिसी के मुताबिक, मंडी से धान ले जाने वाले वाहन पर GPS लगाया जाएगा. मंडी से जब ट्रकें धान की बोरिया लेकर निकलेंगी, तब फोटो ली जाएगी. ट्रक की GPS और फोटो का समय मेल खाना चाहिए. इस प्रोसेस से ठीक तरह से निकल जाने के बाद ट्रकों को शैलर में प्रवेश की इजाजत दी जाएगी. इस पॉलिसी की मदद से अन्य राज्यों से आने वाली फसलों को समाप्त किया जा सकेगा.

बिजली की खपत की होगी जांच

वहीं, छोटे मिल के इलेक्ट्रिक मीटर को पीएसपीसीएल के साथ डिजिटली जोड़ा गया है. एक टन मिलिंग में कितनी बिजली खर्च होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकेगा. अगर बिजली की खपत ज्यादा होती है, तो इसकी जांच की जाएगी कि धान क्षमता से ज्यादा तो नहीं खरीदा गया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि 2-4 टन तक की क्षमता वाले मिलर को ज्यादा फायदें दिए गए हैं. मान ने कहा कि मंडियों में धान की बिक्री के बाद बचे धान को लोग खरीद सकेंगे.

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