पंजाब दस्तक, श्रीलंका में शनिवार को हुए बेहद हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद सेना ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने के लिए सुरक्ष बलों के साथ सहयोग करने की अपील की है.

श्रीलंका के चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ ने कहा है कि राजनीतिक संकट के शांतिपूर्ण तरीक़े से समाधान के लिए एक मौका आया है.

शनिवार को गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के सरकारी आवास पर हमला बोल दिया था. वहीं, हज़ारों की भीड़ ने प्रधानमंत्री के निजी आवास पर आग लगी दी थी.

लोगों को हिंसा से रोकने के लिए सेना और पुलिस ने आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारें भी छोड़ीं लेकिन विरोध प्रदर्शन जारी रहा.

श्रीलंका में लोग खाने के समाने, पेट्रोल और दवाइयों की कमी से जूझ रहे हैं. सरकार के पास इन आयात करने के लिए विदेशी मुद्रा नहीं बची है. वहीं, देश में महंगाई आसमान छू रही है.

देश के खराब आर्थिक हालात से नाराज लोग महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से इस्तीफ़े की मांग कर रहे हैं.शनिवार को विरोध प्रदर्शन के बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने इस्तीफ़ा देने की घोषणा की है.

प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाबलों की कार्रवाई बना मानवाधिकार हनन का मुद्दा

निवार को लगे कर्फ़्यू और पिछले कुछ दिनों से श्रीलंका में आ रहे मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया आई है. श्रीलंका की मानवाधिकार परिषद ने भी शनिवार रात एक बयान जारी कर कहा है कि इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस का शनिवार को कर्फ़्यू लगाना अवैध था.

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