पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: पंजाब सरकार 1से 7 जुलाई तक वन महोत्सव मना रही हैं. इस दौरान सरकार अन्य सुविधाएं पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों मे वृक्षारोपण अभियान चलाएगी. इसी संबंध में सेक्टर 85 wave astate के लोगों ने सीएम भगवंत मान को पत्र लिखा हैं जिसमें सेक्टर मोहाली के सेक्टर 85 ,86, 99 , 100, 101 में वृक्षारोपण के लिए आग्रह किया है. इसमें विशेष रूप से गांव दाराली स्वच्छ रेलवे लाइन की ओर नवनिर्मित टू लेन और इस सड़क की विपरीत दिशा में भी। लोगों का कहना हैं कि सड़क के दोनों किनारों पर पेड़ लगाए जा सकते हैं लेकिन वर्तमान में एक भी पेड़ यहां नहीं लगाया गया है।
उन्होंने सीएम से अनुरोध किया है कि कृपया संबंधित विभागों को क्षेत्र में वृक्षारोपण के लिए जाने का निर्देश दिया जाए। क्योंकि मानसून आ गया है और यह सामूहिक वृक्षारोपण के लिए उपयुक्त समय है। इसमें विभाग के प्रयास में इस क्षेत्र के लोगों की भागीदारी भी होंगी। विश्वास है कि आप इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण की आवश्यकता की सराहना करेंगे।
नेशनल हाईवे हो या फिर स्टेट हाईवे, यदि सड़क की क्वालिटी अच्छी है और वह सड़क पिछले 10 सालों में बनाई हुई है तो निश्चित रूप से सड़क के बीच में बड़ी सी क्यारी बनाकर पौधे जरूर लगाए गए होंगे। जबकि कई साल पुरानी सड़क को जब देखेंगे तो पाएंगे कि सड़क के दोनों तरफ हरे भरे पेड़ लगाए जाते हैँ । सवाल यह है कि नाजुक पौधों को प्रदूषण के बीच में क्यों लगाया जाता है। आइए जान लेते हैं.
भारत में इन दिनों ज्यादातर सड़कें नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की गाइड लाइन के अनुसार बनाई जा रही है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (भाराराप्रा) भारत सरकार का एक उपक्रम है। इसका कार्य इसे सौंपे गए राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास, रख-रखाव और प्रबन्धन करना और इससे जुड़े हुए अथवा आनुषंगिक मामलों को देखना है। किसी भी प्रकार के हाईवे या फिर एक्सप्रेसवे में वाहनों की अब और डाउन लाइन के बीच में कुछ इस तरह के पौधे लगाए जाते हैं जो आने और जाने वाले वाहनों के बीच कम से कम 8 फुट की दूरी बना दे। इंजीनियर का मानना है कि ऐसा करने से एक्सीडेंट की संभावना है काफी कम हो जाती है। आमने सामने आने वाले वाहनों की हेडलाइट एक दूसरे के ड्राइवर को डिस्टर्ब नहीं करती है। क्यारी में इस तरह के पौधे लगाए जाते हैं जो प्रदूषण को कम करने का काम करते हैं।
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