पंजाब दस्तक, सुरेंदर राणा, असम में बाढ़ के कारण 10 और लोगों की मौत हो गई जबकि कछार जिले में सिलचर शहर लगातार पांचवें दिन जलमग्न रहा.
बाढ़ से शुक्रवार को 28 जिलों में 33.03 लाख लोग प्रभावित हैं. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों के मुताबिक, कुछ क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घटने लगा है लेकिन ब्रह्मपुत्र में धुब्री और नागांव में कोपिली खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. उन्होंने बताया कि 10 और लोगों की मौत होने के बाद मई के मध्य से बाढ़ और भूस्खलनों के कारण मरने वाले लोगों की संख्या 118 पर पहुंच गई है. बारपेटा, धुब्री, करीमगंज और उदलगुड़ी जिलों में दो-दो लोगों और कछार तथा मोरीगांव में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई. असम की बराक घाटी का प्रवेश द्वार माने जाने वाले सिलचर के अधिकतर इलाके जलमग्न हैं.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि उसने गंभीर रूप से प्रभावित जिलों और विशेष रूप से कछार जिले, जहां सिलचर स्थित है, में अतिरिक्त संसाधनों के साथ बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाई गई है. अधिकारियों के मुताबिक राहत एवं बचाव कार्यों के लिए NDRFकी आठ टीम को ईटानगर और भुवनेश्वर से लाया गया है, जिनमें कुल 207 कर्मी हैं. इसके अलावा 120 सदस्यों वाली सेना की एक टीम दीमापुर से नौ नौकाओं के साथ सिलचर में बचाव अभियान के लिए भेजी गई है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की दो टीम विमान के जरिए कछार के लिए भेजी गई है.
भोजन-पानी की भारी समस्या, तीन जिले बुरी तरह प्रभावित
अधिकारियों के अनुसार लगभग तीन लाख लोगों को भोजन, स्वच्छ पेयजल और दवाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि लगभग पूरा सिलचर शहर बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में भोजन के पैकेट, पानी की बोतल और अन्य जरूरी वस्तुएं वायुसेना के हेलीकॉप्टर से गिराई जा रही हैं. घाटी के तीन जिले – कछार, हैलाकांडी और करीमगंज – बराक और कुशियारा नदी के बढ़ते जलस्तर से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
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