शिमला, सुरेंद्र राणा, हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के लगभग 250 शिक्षक सड़काें पर उतर गए हैं। बुधवार काे कैंपस में शिक्षकाें ने राेष रैली निकाली। इस दाैरान शिक्षकाें ने पहले वीसी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया, उसके बाद पिंक पैटल से लेकर समरहिल चाैक तक रैली निकाली। हाथाें में बैनर और पाेस्टर लेकर शिक्षकाें ने सरकार पर अनदेखी का आराेप लगाया। यही नहीं मांगें पूरी न हाेेने की सूरत में 28 जून से पूरी तरह से कामकाज काे ठप करने की भी चेतावनी दी है।
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिक्षक ज्वाइंट एक्शन कमेटी के महासचिव डाॅ. जाेगिंदर सकलानी का कहना है कि यूनिवर्सिटी के टीचराें के साथ अन्याय हाे रहा है। पिछले 7 साल से शिक्षक UGC के पे-स्केल का इंतजार कर रहे हैं। कमेटी 2016 से रुकी हुई UGC पे-स्केल को जारी करने की मांग कर रही है। जबकि हालत वैसे के वैसे हैं। सीएम ने इस बारे में घाेषणा भी की है, लेेकिन जमीनी ताैर पर कुछ नहीं हाे रहा है। उनका कहना है कि अगर मांगाें काे अब पूरा नहीं किया गया ताे वे निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेवारी सरकार की हाेगी। एचपीयू प्रशासन भी इस मामले में काेई मदद नहीं कर रहा है।
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिक्षक ज्वाइंट एक्शन कमेटी का कहना है कि वर्ष 2018 में सभी राज्यों की सरकारों ने इसे लागू कर दिया था, जबकि प्रदेश में के शिक्षक इससे अभी भी वंचित है। प्रदेश के शिक्षक काफी लंबें समय से इसे लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों की और ध्यान नहीं दे रही है। आराेप है कि सरकार के कुछ अधिकारी नए पे स्केल को लागू करने के फैसले के रास्ते में रोड़ा बन रहे हैं। सब कुछ साजिश के तहत किया जा रहा है। शिक्षकों को आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
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