पानी की समस्या को लेकर कांग्रेस ने किया मेयर ऑफिस के बाहर प्रदर्शन

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शिमला(सुरेन्द्र राणा);  कांग्रेस ने आज नगर निगम शिमला में पेयजल संकट को लेकर महापौर कार्यालय के समक्ष सांकेतिक धरना दिया। इस दौरान उन्होंने पेयजल आपूर्ति को लेकर एक ज्ञापन भी महापौर को सौंपा।
जिला शिमला शहरी व ग्रामीण के सयुंक्त तत्वधान में कांग्रेस नेताओं ने शिमला नगर निगम व जल निगम बोर्ड की कार्यप्रणाली पर रोष ब्यक्त करते हुए कहा कि पेयजल की किल्लत से लोग परेशान है और नगर निगम का वह दावा जिसमें उन्होंने शिमला में 24 घण्टे  पेयजल आपूर्ति की बात कही थी,वह पूरी तरह हवा हवाई साबित हुआ है।
शिमला जिला कांग्रेस कमेटी शहरी के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने नगर निगम पर आरोप लगाया कि वह शहर वासियों को नियमित पेयजल आपूर्ति करने में पूरी तरह विफल रहा है।लोगों से भारी भरकम पेयजल बिल बसूलने के बाबजूद भी उन्हें नियमित तौर पर पेयजल नही दिया जा रहा है। चौधरी ने आरोप लगाया कि नगर निगम व जल बोर्ड भ्र्ष्टाचार का अड्डा बन गया है।पेयजल बिल के नाम पर लोगों को लूटा जा रहा है।
चौधरी ने कहा कि शहर में तीसरे दिन और उप नगरों व शिमला नगर निगम में शामिल किये गए क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति चार व पांच दिन के बाद बहुत थोड़ी मात्रा में किया जाता है।उन्होंने कहा कि शिमला पहाड़ो की राजधानी है जहां पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है।उन्होंने कहा कि पेयजल की समस्या से शिमला का पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
जितेंद्र चौधरी ने कहा कि शिमला शहर में पहली बार भाजपा के शासन में पहली बार सर्दियों में भी पेयजल की राशनिंग की गई।उन्होंने कहा कि अभी तो मार्च का ही महीना चल रहा है आगे गर्मियों में क्या हाल होगा उसका अंदाजा अभी से लगाया जा सकता है।उन्होंने कहा कि भाजपा शासित नगर निगम आज सफेद हाथी बन कर रह गया है जो लोगों से भारी भरकम टेक्स बसूली तो कर रहा है पर लोगों को सुविधा देने के नाम पर ज़ीरो साबित हुआ है।

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