शिमला (सुरेन्द्र राणा);अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मंडी में सरदार पटेल विश्वविद्यालय बनाए जाने के एक्ट को विधानसभा में पास करने का स्वागत किया है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार का यह निर्णय हिमाचल प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए अभूतपूर्व सौगात साबित होगा। इससे शिक्षा के गुणवत्ता में बढ़ोतरी होगी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री विशाल वर्मा ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा मंडी में प्रदेश विश्वविद्यालय बनाए जाने की मांग को लेकर पिछले 2 वर्षों से चला संघर्ष शिक्षा को सस्ती, गुणवत्तापूर्ण व सर्वस्पर्शी बनाने के उद्देश्य से चलाया गया आंदोलन था। विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार के इस निर्णय का स्वागत करती है। इस निर्णय से प्रदेश के उन हजारों विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा जो शिमला दूर होने की वजह से अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पाते थे।
हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों शिमला हिमाचल के एक कोने में स्थित है और प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार शिक्षा को सर्वस्पर्शी बनाने के लिए एक विश्वविद्यालय पर्याप्त नहीं है। सरकारी महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में अधिकतर वह विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं जो मध्यवर्गीय या निर्धन परिवारों संबंध रखते हैं।
प्रदेश में एक ही सरकारी विश्वविद्यालय होने की वजह से उन विद्यार्थियों को अपने छोटे छोटे काम करवाने के लिए भी शिमला जाना पड़ता था। जिस कारण बहुत से निर्धन परिवारों के छात्रों को मानसिक और आर्थिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ता था। रूसा गाइडलाइन के तहत कोई एक विश्वविद्यालय के संबंधन में 100 से अधिक शिक्षण संस्थान नहीं होने चाहिए।
परंतु अकेले हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के संबंधन में 289 शिक्षण संस्थान चलने की वजह से विश्वविद्यालयों ऊपर हर वर्ष लाखों विद्यार्थियों की प्रवेश परीक्षा और परिणाम करवाने का अत्याधिक कार्यभार रहता है। इस व से प्रवेश परीक्षा व परिणाम को लेकर अनेकों अनियमितताएं भी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में देखने को मिल। आगामी सत्र से सरदार पटेल विश्वविद्यालय में कक्षाएं शुरू करने की मांग की है।
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