पंजाब दस्तक डेस्क, दुनिया भर के लिए खतरे की घंटे बन चुके कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक राहत भरी खबर दी है. अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के सामने आने के बाद भी डेल्टा के खिलाफ अपनाये गए उपाय इस महामारी से जंग की बुनियाद बने रहने चाहिए.

इसके अलावा WHO ने यह माना कि  स्वीकार किया कि कुछ देशों की ओर से बॉर्डर सील करने से इसके खिलाफ की जाने वाली तैयारियों को और वक्त दे सकता है. भारत सहित विश्व के करीब तीन दर्जन देशों में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले सामने आए हैं. वहीं, दक्षिण अफ्रीका में इन देशों की तुलना में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और वहां नया वेरिएंट मजबूत बन सकता है.

अबतक ओमिक्रॉन के बारे में बहुत कुछ साफ नहीं है. जैसे कि क्या यह ज्यादा संक्रामक है, क्या यह लोगों को गंभीर रूप से बीमार करेगा, या क्या यह वैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षा को चकमा दे सकता है. या फिर इसके खिलाफ कोई भी वैक्सीन कारगर नहीं रहेगी.

पश्चिमी प्रशांत के लिए WHO के रीजनल डायरेक्टर डॉ ताकेशी कसई ने शुक्रवार को फिलीपीन से ऑनलाइन सम्मेलन में कहा, ‘सीमा पर पांबदी वायरस के अंदर आने में देरी कर सकती है और इससे तैयारी के लिए समय मिल सकता है. लेकिन हर देश और हर समुदाय को मामलों में नई वृद्धि के लिए तैयार रहना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘इन सबमें अच्छी खबर यह है कि ओमिक्रॉन के बारे में हमारे पास कोई भी ऐसी सूचना नहीं है जो बताती है कि हमारे रिएक्शन की दिशा बदलने की जरूरत है.’ डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय आपात स्थिति निदेशक डॉ बी. ओलोवोकुरे ने कहा कि इसका मतलब है कि वैक्सीनेशन बढ़ाने पर जोर देना, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना और मास्क पहनना सहित अन्य उपाय जारी रखना जरूरी हैं.

उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य प्रणाली को सुनिश्चित करना चाहिए कि मरीज का सही जगह पर सही समय पर इलाज हो और जिन मरीजों को जरूरी है उनके लिए आईसीयू बेड तैयार रखे जाएं.’ कसई ने कहा कि म्यूटेशन की संख्या के कारण ओमिक्रॉन को चिंता का एक वेरिएंट नॉमिनेट किया गया है और क्योंकि शुरुआती जानकारी से पता चलता है कि यह वायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में ज्यादा संक्रामक हो सकता है।

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